लुधियाना में सात लोगों की मौत का मामला : टिब्बा रोड पर नहीं बदले हालात
19 अप्रेल की रात को घटना की जानकारी प्रात: काल मीडिया तक पहुंची और इसके उपरांत 21 अप्रेल के सभी समाचार पत्रों में इस समाचार का प्रकाशन हुआ। समाचार के प्रकाशन के आधार पर एनजीटी के पीठासीन अधिकारी आदर्श कुमार गोयल ने स्वत: संज्ञान लिया और याचिका संख्या 286/2022 को दर्ज किया गया। प्रिंसीपल ब्रांच ने सतलुज को प्रदूषण मुक्त करने के लिए गठित की गयी कमेटी को जांच करने के लिए आदेशित किया। इस कमेटी के अध्यक्ष पंजाब-हरियाणा हाइकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जसबीर सिंह हैं।
लुधियाना/चण्डीगढ़/नई दिल्ली/श्रीगंगानगर (टीएसएन)। पंजाब के लुधियाना जिला मुख्यालय पर केन्द्रीय जेल के सामने और टिब्बा मार्ग पर कचरे के ढेर के पास झोपडिय़ां बनाकर निजी व्यक्ति की भूमि पर जीवन यापन करने वाले एक ही परिवार के सात सदस्यों की मौत हो गयी। घटना 19 अप्रेल की रात को हुई और 21 अप्रेल को राष्ट्रीय हरित अभिकरण (नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल/एनजीटी) ने समाचार के आधार पर स्वत: संज्ञान लेते हुए पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जसबीरसिंह की अध्यक्षता में गठित कमेटी को मौका मुआयना करने और 15 दिवस के भीतर रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिये। एनजीटी के आदेशों के उपरांत हालात में क्या अंतर आया है? क्या फिर से उस तरह की घटना नहीं हो, ऐसी व्यवस्था हुई है? इस तरह के सवालों के जवाब तलाशने के लिए द सांध्यदीप की टीम ने लुधियाना के टिब्बा रोड का निरीक्षण किया।
19 अप्रेल की रात को टिब्बा रोड पर एक ही परिवार के सात सदस्यों की झोपड़ी में आग लग जाने से मौत हो गयी। मरने वालों की पहचान 55 साल के सुरेश, 50 साल की उनकी पत्नी रोना रानी, 15 साल की राखी, 10 साल की मनीषा, 5 साल की चांदिनी, 6 साल की गीता और 2 साल की सनी के रूप में हुई। परिवार का एक सदस्य बच गया था जो दूसरे व्यक्ति की झोपड़ी में सोने के लिए चला गया था।
19 अप्रेल को एनजीटी के आदेशों पर क्या हुआ?
19 अप्रेल की रात को घटना की जानकारी प्रात: काल मीडिया तक पहुंची और इसके उपरांत 21 अप्रेल के सभी समाचार पत्रों में इस समाचार का प्रकाशन हुआ। समाचार के प्रकाशन के आधार पर एनजीटी के पीठासीन अधिकारी आदर्श कुमार गोयल ने स्वत: संज्ञान लिया और याचिका संख्या 286/2022 को दर्ज किया गया। प्रिंसीपल ब्रांच ने सतलुज को प्रदूषण मुक्त करने के लिए गठित की गयी कमेटी को जांच करने के लिए आदेशित किया। इस कमेटी के अध्यक्ष पंजाब-हरियाणा हाइकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जसबीर सिंह हैं।
कमेटी के अन्य सदस्यों में संत बलवंतसिंह सिंचेवाल, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हैं।
नैशनल ग्रीन टिब्यूनल ने 21 अप्रेल को लिये गये संज्ञान में आदेश दिया कि एनजीटी ने वर्ष 2018 में संख्या 606, 7 मार्च 2019 और 10 जनवरी 2020 को भी आदेश जारी कर लुधियानावासियों को स्वच्छ पर्यावरण के अधिकार को सुनिश्चित किया गया था किंतु इन आदेशों की पालना नहीं करने पर पंजाब के मुख्य सचिव को नोटिस भी जारी कर दिया गया। वहीं जस्ट्सि जसबीर सिंह की अध्यक्षता वाली कमेटी को 15 दिवस के भीतर ईमेल के जरिये तथ्यात्मक रिपोर्ट भिजवाने के लिए कहा गया।
द सांध्यदीप टीम का दौरा
मानवाधिकारों को सर्वोपरि मानने वाली द सांध्यदीप टीम ने रविवार 2 मई 2022 को घटनास्थल का निरीक्षण किया। टिब्बा रोड घनी आबादी क्षेत्र में शामिल हो गयी है। घटनास्थल मक्कड़ कॉलोनी में था। टीम वहां पहुंची तो चारों तरफ कचरे के पहाड़ बनाये हुए थे। ऊंची शाखाओं पर चारों तरफ चिंगारी से आग से झुलस रही थी। आसपास अनेक लोगों ने झोपडिय़ां बनायी हुईं थीं। वहां पर अप्रवासी लोगों ने निवास स्थान बनाया हुआ था। पुलिस का कहना है कि यह लोग कचरा स्थल के आसपास कचरे में कुछ समान की तलाश कर उसको बेचते थे और उसी से अपना जीवन-यापन कर रहे थे। चारों तरफ गंदगी का ढेर था। यह हालात तब थे जब एनजीटी के आदेशों के उपरांत जस्ट्सि जसबीरसिंह के नेतृत्व में एक टीम निरीक्षण भी कर चुकी थी और नगर निगम को आदेशित किया था कि शहर के बीचों-बीच कचरे के बनाये गये पहाड़ों को हटाया जाये। इस टीम के दौरे के करीबन एक सप्ताह उपरांत द सांध्यदीप पहुंची थी और हैरानीजनक बात यह है कि घटनास्थल पर कुछ भी बदलाव नहीं आया था। लोगों के स्वच्छ पर्यावरण के अधिकार को छीनने में कोई कसर बाकी नहीं रखी गयी।
मोटरसाइकिल बरामद हुआ था?
19 अप्रेल की रात को जब आग लग गयी थी तो कोई भी बचकर झोपड़ी से बाहर नहीं निकल पाया था। लोगों ने भी आग पर काबू पाने का प्रयास किया। सात लोगों की मौत हो गयी थी। इसके उपरांत मोहल्लावासियों ने एक युवक को दबोचा था जिसके पास से मोटरसाइकिल बरामद हुआ। युवक के पास कोई पहचान पत्र नहीं था और वह मोटरसाकिल को लावारिस हालत में छोड़कर फरार हो गया। यह जानकारी आसपास के लोगों ने एजीटी की टीम को भी दी थी।
क्या कहते हैं अधिकारी?
टिब्बा थाना के एसएचओ रणबीरसिंह से जब इस संबंध में बात की गयी तो उनका कहना है कि यह एक दर्दनाक हादसा था। वहीं जब उनसे यह सवाल किया गया कि एक बाइक लावरिस हालत में मिली थी? थानाधिकारी ने कहा कि बाइक हिमाचल से चोरी हुई थी। उसके मालिक को तलाश लिया गया है। उसने बाइक चोरी होने की बात कही है। वहीं बाइक चोर को भी तलाशा जा रहा है। दूसरी ओर नगर निगम के मेयर बलकार सिंह संधू से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया। उनके मोबाइल पर मैसेज भी छोड़े गये, किंतु उनसे सम्पर्क नहीं हो पाया।