एफबीआई की रेड का मामला : बाइडेन प्रशासन फांस सकता है पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प को जासूसी के आरोप में
अमेरिका में सोशल मीडिया पर ट्रम्प और एफबीआई को लेकर चर्चाएं चल रही हैं। पूर्व राष्ट्रपति के मार ए लागो स्थित संस्थान पर एफबीआई ने मजिस्ट्रेट से प्राप्त वारंट के आधार पर जांच की थी। एफबीआई की ओर से दिये गये हल्फनामा के आधार पर मजिस्ट्रेट ने प्रात: 6 से रात 10 बजे तक (अमेरिकी समयानुसार सोमवार को) तक जांच के लिए अनुमति प्रदान की थी।
वाशिंगटन (टीएसएन)। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ जासूसी के आरोप में अभियोग चलाया जा सकता है। उनके मार ए लागो स्थित संस्थान में रेड के बाद एफबीआई ने कुछ संदिग्ध दस्तावेज मिलने का दावा किया है। हालांकि एफबीआई के खिलाफ देशभर में माहौल बन गया है। सोशल मीडिया पर एफबीआई को लेकर टिप्पिणियां की जा रही हैं।
अमेरिका में सोशल मीडिया पर ट्रम्प और एफबीआई को लेकर चर्चाएं चल रही हैं। पूर्व राष्ट्रपति के मार ए लागो स्थित संस्थान पर एफबीआई ने मजिस्ट्रेट से प्राप्त वारंट के आधार पर जांच की थी। एफबीआई की ओर से दिये गये हल्फनामा के आधार पर मजिस्ट्रेट ने प्रात: 6 से रात 10 बजे तक (अमेरिकी समयानुसार सोमवार को) तक जांच के लिए अनुमति प्रदान की थी।
मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि ट्रम्प के संस्थान की जांच के दौरान कुछ संदिग्ध दस्तावेज बरामद किये गये हैं। यह दस्तावेज राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े होने का दावा किया गया है। हालांकि अमेरिका के एक बड़े वर्ग का मानना है कि यह घटना वास्तव में हास्यस्पद है।
ओवल कार्यालय पूरी तरह से कैमरों की सुरक्षा में रहता है। जब राष्ट्रपति इन दस्तावेजों को लेकर कार्यालय से बाहर गये थे तो उस समय यह घटनाक्रम सीसी कैमरों में कैप्चर क्यों नहीं हुआ। अब मध्यावधि चुनाव से ठीक पहले बाइडेन प्रशासन को यह कैसे याद आया कि ट्रम्प के पास राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित दस्तावेज हो सकते हैं?
उल्लेखनीय है कि 8 नवंबर को अमेरिका में संसद और सीनेट के लिए मतदान होना है। महंगाई और विदेश नीति को लेकर बाइडेन प्रशासन पहले ही मीडिल क्लास के निशाने पर है। अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश होने के उपरांत भी वहां पर 4 डॉलर प्रति गैलन से ज्यादा तेल का भाव हो गया था।
अफगानिस्तान को लेकर बाइडेन प्रशासन के प्रति अमेरिकी लोगों में गुस्सा देखा जा रहा है। चुनावों से पूर्व डेमोक्रेट नेता और कांग्रेस अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने ताइवान की यात्रा की थी। इस तरह से डेमोक्रेटिक पार्टी अमेरिकी जनता को यह दिखाना चाहती थी कि चीन के प्रति उनकी नीति में फर्क आया है।
सोशल मीडिया पर एफबीआई के खिलाफ जमकर प्रचार हो रहा है। उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने इसको लेकर शनिवार को बयान जारी किया है और एफबीआई की कार्यवाही का बचाव करने का प्रयास किया है। उल्लेखनीय है कि दो दिन पूर्व एफबीआई ने एक व्यक्ति को मारते हुए दावा किया था कि उसने एफबीआई के कार्यालय पर गोलियां चलायीं थीं। एफबीआई ने उस पर जवाबी फायरिंग की तो वह फिल्मी स्टाइल में एफबीआई के सुरक्षा घेरे को तोडऩे में कामयाब हो गया और दूर सुनसान इलाके में उसको मार गिराया गया।
हालांकि इस तरह के पूरे घटनाक्रम से इवांका ट्रम्प दूर हैं और उन्होंने अपने सोशल मीडिया एकाउंट के जरिये इस प्रकार की घटनाओं पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। ध्यान देने योग्य बात यह भी है कि अमेरिकी संसद की एक समिति डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ यह भी जांच कर रही है कि उसने कुछ लोगों को संसद पर हमले के लिए उकसाया था। दो वर्षों में अभी तक स्थायी समिति जांच पूरी नहीं कर पायी।
अब उनके खिलाफ एफबीआई ने जांच आरंभ कर उनको अमेरिकी सुरक्षा से सौदा साबित करने वाला व्यक्ति ठहराने की कोशिशें आरंभ कर दी हैं। जबकि राष्ट्रपति बाइडेन के पुत्र हंटर बाइडेन के व्यापार को लेकर पहले ही अमेरिका के मीडिया में चर्चाओं का बाजार गर्म रहा है। हंटर बाइडेन कुछ यूक्रेनी कंपनियों में शामिल रहे हैं, इस तरह की चर्चा रही है।