- लॉटरी निकालने की जिम्मेदारी श्रीगंगानगर एनआईसी के पास नहीं बल्कि जोधपुर को दी जा रही है
- हाइकोर्ट के फैसले के विपरीत अपनायी जा रही पूरी प्रक्रिया
गौतम बुद्धनगर : पांच हजार करोड़ की जमीन को डकारने को तैयार हैं मगरमच्छ
श्रीगंगानगर। सरकारी आवासीय योजना गौतम बुद्धनगर के 14 हजार फार्म भरे जाने का दावा नगर विकास न्यास की ओर से किया गया था और आवेदनकर्ताओं से आवेदन फीस के साथ-साथ 10 से 25 हजार रुपये तक की अमानत राशि को भी जमा करवाया गया था।
श्रीगंगानगर। सरकारी आवासीय योजना गौतम बुद्धनगर के 14 हजार फार्म भरे जाने का दावा नगर विकास न्यास की ओर से किया गया था और आवेदनकर्ताओं से आवेदन फीस के साथ-साथ 10 से 25 हजार रुपये तक की अमानत राशि को भी जमा करवाया गया था। छ: माह से भी अधिक समय गुजर जाने के उपरांत लॉटरी की तारीख फिक्स नहीं हो पायी है। दूसरी ओर गरीब और मध्यमवर्ग के प्रति सोच रखने वाले कार्मिक ही न्यास प्रशासन की कारगुजारियों की रिपोर्ट देने लगे हैं।
वहीं 578 भूखण्डों को प्राप्त करने के लिए लोगों ने लाइन में लगकर आवेदन किये और साथ ही अमानत राशि भी न्यास की शर्तों के अनुसार जमा करवा दी। 15 से 20 करोड़ रुपये नगर विकास न्यास के पास लोगों के जमा हो गये हैं। वहीं पिछले छ: माह से न्यास लॉटरी की तारीख फिक्स नहीं कर पाया है। दूसरी ओर एक अधिकारी ने बताया है कि न्यास ऑनलाइन लॉटरी निकालेगा। यह एनआईसी के माध्यम से लॉटरी निकाली जायेगी। एनआईसी जोधपुर की है। श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय पर भी एनआईसी का बड़ा सेटअप है। अनेक इंजीनियर कार्यरत हैं। फिर जोधपुर क्यों? यह एक बड़ा सवाल है, जिसका जवाब लोगों को तलाशना चाहिये। आवेदनकर्ताओं को अधिकारियों से पूछना चाहिये। इसका उत्तर सांध्यदीप के पास है, लेकिन यह जिम्मेदारी जागरुक लोगों को भी निभानी चाहिये।
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SourceSatish Beri