Saturday, May 27, 2023
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गौतम बुद्धनगर : पांच हजार करोड़ की जमीन को डकारने को तैयार हैं मगरमच्छ

श्रीगंगानगर। सरकारी आवासीय योजना गौतम बुद्धनगर के 14 हजार फार्म भरे जाने का दावा नगर विकास न्यास की ओर से किया गया था और आवेदनकर्ताओं से आवेदन फीस के साथ-साथ 10 से 25 हजार रुपये तक की अमानत राशि को भी जमा करवाया गया था।

  1. लॉटरी निकालने की जिम्मेदारी श्रीगंगानगर एनआईसी के पास नहीं बल्कि जोधपुर को दी जा रही है
  2. हाइकोर्ट के फैसले के विपरीत अपनायी जा रही पूरी प्रक्रिया

श्रीगंगानगर। सरकारी आवासीय योजना गौतम बुद्धनगर के 14 हजार फार्म भरे जाने का दावा नगर विकास न्यास की ओर से किया गया था और आवेदनकर्ताओं से आवेदन फीस के साथ-साथ 10 से 25 हजार रुपये तक की अमानत राशि को भी जमा करवाया गया था। छ: माह से भी अधिक समय गुजर जाने के उपरांत लॉटरी की तारीख फिक्स नहीं हो पायी है। दूसरी ओर गरीब और मध्यमवर्ग के प्रति सोच रखने वाले कार्मिक ही न्यास प्रशासन की कारगुजारियों की रिपोर्ट देने लगे हैं।
वसुंधरा राजे सरकार ने वर्ष 2005 में आवासीय योजना के लिए भूमि अधिग्रहण को मंजूरी दी थी।

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इस दौरान करीबन 180 बीघा भूमि का अधिग्रहण किया गया था। यह भूमि चक पांच ई छोटी तथा चक 7 ई छोटी में की गयी थी। मामला पहले अधीनस्थ और फिर हाइकोर्ट में चलता रहा। डबल बैंच ने वर्ष 2020 में फैसला सुनाया जबकि वर्ष 2018 में ही नगर विकास न्यास ने खातेदारों के साथ एक गुप्त समझौता किया, जिसकी प्रति सांध्यदीप के पास भी है। इसमें साफ लिखा गया था कि यह समझौता उसी शर्त पर लागू हो पायेगा जब हाइकोर्ट इस समझौते को कबूल कर ले। वहीं हाइकोर्ट ने तो जमीन का मालिकाना हक न्यास के हक में दे दिया क्योंकि इंदौर विकास प्राधिकरण के एक मामले का निस्तारण करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भूमि अधिग्रहण के मामलों में एक व्यवस्था प्रदान की थी।

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सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का अनुसरण करते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय ने अपने फैसला सुनाया था। अब वर्ष 2018 के गुप्त समझौते को लागू किया गया और 25 प्रतिशत विकसित क्षेत्र खातेदारों को दिया गया। 110 बीघा भूमि में गौतम बुद्ध नगर बसाने के लिए मात्र 578 भूखण्ड ही सृजित किये गये। इनमें भी छोटे साइज हैं। इस तरह से 110 बीघा भूमि में 578 प्लाट काटे गये तो एक बीघा में करीबन पांच भूखण्ड ही विकसित किये जा रहे हैं।

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वहीं 578 भूखण्डों को प्राप्त करने के लिए लोगों ने लाइन में लगकर आवेदन किये और साथ ही अमानत राशि भी न्यास की शर्तों के अनुसार जमा करवा दी। 15 से 20 करोड़ रुपये नगर विकास न्यास के पास लोगों के जमा हो गये हैं। वहीं पिछले छ: माह से न्यास लॉटरी की तारीख फिक्स नहीं कर पाया है। दूसरी ओर एक अधिकारी ने बताया है कि न्यास ऑनलाइन लॉटरी निकालेगा। यह एनआईसी के माध्यम से लॉटरी निकाली जायेगी। एनआईसी जोधपुर की है। श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय पर भी एनआईसी का बड़ा सेटअप है। अनेक इंजीनियर कार्यरत हैं। फिर जोधपुर क्यों? यह एक बड़ा सवाल है, जिसका जवाब लोगों को तलाशना चाहिये। आवेदनकर्ताओं को अधिकारियों से पूछना चाहिये। इसका उत्तर सांध्यदीप के पास है, लेकिन यह जिम्मेदारी जागरुक लोगों को भी निभानी चाहिये।
अगर बाजार कीमत को माना जाये तो एक बीघा 7 से 10 करोड़ रुपये का है। क्योंकि यह बाइपास और सूरतगढ़ रोड पर स्थित है और आने वाले दिनों में इसकी कीमत 50 करोड़ प्रति बीघा भी पार हो सकती है। एरिया डवल्प हो रहा है और आने वाले कुछ ही समय में यह पूरी जमीन 5 हजार करोड़ के आसपास की होगी। इस बहुमूल्य जमीन को निगलने के लिए अनेक मगरमच्छ साम-दाम-दण्ड-भेद की नीति को अपना रहे हैं।
अगर न्यास के ही एक सूत्र की बात पर यकीन किया जाये तो इस जमीन को हड़पने के लिए आवेदनकर्ताओं के नाम का लिंग परिवर्तन कर दिया गया है अर्थात पूनम लिखा है तो पूनम कुमार भी हो सकता है और पूनम कुमारी/रानी/देवी आदि कुछ भी हो सकता है। इस तरह से एक बड़ा घोटाला किये जाने की तैयारी की जा रही है। यह पूरी प्रक्रिया हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के विपरीत जाकर अपनायी जा रही है। इस तरह से प्रभावशाली लोग किसी भी कीमत पर यह जमीन आम आदमी के हाथ में नहीं जाने देना चाहते। नगर विकास न्यास के कुछ अधिकारी भी यह बात जानते हैं कि आज नहीं तो कल सच्चाई लोगों के सामने आयेगी, उस समय शहर से बाहर निकलने का रास्ता भी निकालना मुश्किल होगा। कुछ वीआरएस की तैयारी कर रहे हैं तो कुछ चाहते हैं कि किसी तरह से समय निकाला जाये।

सरकारी कर्मचारी एक माह से हड़ताल पर, सरकार चिंतित नहीं
श्रीगंगानगर। कलक्टर, एसडीएम और तहसीलदारों के कार्यालयों में कर्मचारी तक नहीं मिल रहे हैं। यही हाल खनन सहित अन्य विभागों का है। सरकार कर्मचारियों के हड़ताल पर होने के उपरांत भी चिंतित नहीं है। ग्राम विकास अधिकारी तो पिछले सोमवार को काम पर लौट आये थे किंतु सरपंचों को अभी तक कांग्रेस नहीं मना पायी है। उनकी मांगों पर सुनवाई नहीं कर रही है।
राजस्व विभाग सहित अनेक विभागों के मंत्रालयिक कर्मचारी पिछले एक माह से हड़ताल पर चल रहे हैं। कलक्टर कार्यालय जहां पर जिले के 25 लाख लोगों की जनसमस्याओं, विकास योजनाओं की जिम्मेदारी है। पूरे जिले की कानून व्यवस्था बनाये रखने का दायित्व है, उस कार्यालय पर भी ताले लटके हुए हैं। जिन लोगों ने हथियार सहित अन्य कार्ययोजनाओं का नवीनीकरण अथवा जानकारी देनी है अथवा हस्ताक्षरित सूचना प्राप्त करनी है, वे आते हैं और शाखाओं पर लगे बड़े-बड़े ताले देखकर वापिस लौट जाते हैं।

पूनम छाबड़ा के स्वास्थ्य में सुधार, समाजसेवी कार्यों में पुन: होंगी सक्रिय
जयपुर। शराबबंदी आंदोलन को लेकर अनेक बार अनशन कर चुकीं पूनम छाबड़ा अब स्वस्थ बेहतर महसूस कर रही हैं और इन दिनों वे जनसमस्याओं के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय के साथ सीधे सम्पर्क में भी हैं। सोमवार को भी उन्होंने सीएमओ में अनेक लोगों की समस्याओं के संबंध में सरकार को भी अवगत करवाया था।
पूनम छाबड़ा को पिछले दिनों अचानक ही टायफाइड रोग ने घेर लिया था और उनको चिकित्सकों ने आराम करने की सलाह दी थी। करीबन चार सप्ताह तक वे बैड पर रहीं और अब वे पुन: जनभागीदारी के लिए सक्रिय हो गयी हैं। उन्होंने पिछले दिनों सीएमओ की जनसुनवाई कार्यक्रम के दौरान भी सरकार तक दर्जनों लोगों की बात को पहुंचाया।
अंकुर छाबड़ा ने बताया कि पूनम के स्वास्थ्य में सुधार हुआ है और अगले कुछ दिनों के भीतर वे अनेक कार्यक्रमों में भाग लेंगी। वे शराब बंदी आंदोलन को लेकर पिछले दिनों मुख्यमंत्री से भी मिलीं थीं और उनको ज्ञापन दिया था। सीएम अशोक गहलोत ने उनके सिर पर हाथ रखकर एक बेटी की तरह का आशीर्वाद दिया था।

छात्राओं के टीकाकरण के दौरान 12 छात्राएं बेहोश, अस्पताल में भर्ती
लुधियाना। पंजाब में स्वास्थ्य और शिक्षा को लेकर बेहतर सेवाओं का दावा करने वाली भगवंत मान सरकार की कार्यप्रणाली की लापरवाही गुरुवार को स्कूल में टीकाकरण के दौरान सामने आ गयी। लुधियाना जिले के माछीवाड़ा इलाके के एक सरकारी बालिका स्कूली में छात्राओं को टैटनेस का इंजेक्शन लगाया गया था। इसके बाद 12 छात्राएं बीमार हो गयीं और उनको सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। अभिभावकों को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने हंगामा किया और संबंधित अधिकारियों से सवाल-जवाब किये। हालांकि स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि 150 से अधिक का टीकाकरण किया गया था। इनमें 12 छात्राएं बैचेनी और चक्कर की शिकायत करने लगी थीं। हालांकि यह भी जानकारी सामने नहीं आ पायी है कि छात्राओं के टैटनेस का टीका क्यों लगाया गया था।

हनुमानगढ़ की युवती भटिण्डा में गिरफ्तार, सैक्स रैकेट में शामिल होने का आरोप
भटिण्डा (कमल कटारिया)। पंजाब के भटिण्डा जिला मुख्यालय पर गुरुवार को एक कार्यवाही के दौरान सीआईए-1 स्टाफ ने स्पा सैंटर की ओट में चल रहे सैक्स रैकेट का पर्दाफाश किया है। सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है, इनमें एक युवती हनुमानगढ़ की भी शामिल थी।
हासिशुलदा जानकारी के अनुसार भटिण्डा सीआईए-1 स्टाफ को यह इत्तिलाह मिली थी कि 100 फीट रोड पर स्पा सेंटर में वेश्यावृत्ति का धंधा हो रहा है। इस सूचना के आधार पर बोगस ग्राहक तैयार किया गया और सात लोगों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। इनमें चार महिलाएं भी शामिल थीं। थाना सिविल लाइन में स्पा सेंटर के तीन मालिकों समेत 10 लोगों पर मामला दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि यह स्पा सेंटर पिछले कई माह से चल रहा है। मालिक लुधियाना जिले के बाशिंदे होने की जानकारी सामने आयी है। हालांकि पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है।

महिला अपराध पर रोकथाम के लिए राजस्थान पुलिस सक्रिय : एडीजी दत्त
अनूपगढ़ (उदयसिंह कंकर)। राजस्थान पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक सुनील दत्त गत तीन दिनों से श्रीगंगानगर जिला पुलिस के वार्षिक निरीक्षण के लिए आये हुए हैं। वे गुरुवार को अनूपगढ़ पहुंचे और पुलिस अधिकारियों के साथ क्षेत्रीय अपराध पर चर्चा की। उन्होंने हेरोइन तस्करी की रोकथाम के लिए किये गये उपायों और प्रयासों पर प्रशंसा व्यक्त की।
अनूपगढ़ में डीवाईएसपी कार्यालय का निरीक्षण के दौरान उन्होंने सर्किल के पुलिस अधिकारियों के साथ लम्बी वार्ता की। उन्होंने निर्देश दिए कि पेंडिंग मामलों का शीघ्र निस्तारण किया जाए ताकि आमजन को राहत मिल सके। एडीजीपी ने एसपी परिश देशमुख की मौजूदगी में अपराध नियंत्रण को लेकर पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक ली एवं महिलाओं और बालिकाओं से संबंधित मामलों में त्वरित कार्रवाई की निर्देश दिए। एडीजीपी दत्त को पुलिस जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर की सलामी दी। एडीजीपी सुनील दत्त ने बताया कि निरीक्षण के दौरान अनूपगढ़ सर्किल में अपराध नियंत्रण को लेकर पुलिस प्रशासन द्वारा की जा रही कार्रवाई, जवानों के लिए मिलने वाली सुविधाओं आदि का जायजा लिया है। इस दौरान एसपी परिस देशमुख, एडिशनल एसपी बनवारी लाल मीणा,पुलिस उपाधीक्षक जयदेव सियाग, प्रशिक्षु आईपीएस रमेश, प्रशिक्षु आरपीएस सोनू चौधरी,अनूपगढ़ थानाधिकारी फूलचंद शर्मा,घडसाना थानाधिकारी जितेंद स्वामी,रावला थानाधिकारी आलोक,रामसिंहपुर थानाधिकारी दौलाराम मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि सुनील दत्त श्रीगंगानगर में वर्ष 2004 में पुलिस अधीक्षक के पद पर भी नियुक्त रहे थे। हालांकि उनका कार्यकाल संक्षिप्त रहा था। वे अनेक सालों उपरांत श्रीगंगानगर पहुंचे तो उनको संगठनों की ओर से फूल-माला देकर सम्मानित किया गया। श्री दत्त 1994 बैच के आईपीएस अफसर हैं संभवत: वे अगले वर्ष सेवानिवृत्त हो जायेंगे।

भ्रष्टाचार के खिलाफ सचिन पायलट की पदयात्रा आरंभ
अजमेर। राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अजमेर से अपनी पदयात्रा को आरंभ किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि उन पर आरोप लगाने वाले औछी राजनीति भी कर सकते हैं। श्री पायलट भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी ही सरकार के खिलाफ एक माह के भीतर दूसरी बार आंदोलन कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि राज्य की राजनीति में शांति बनी हुई थी कि इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तीन साल पहले पायलट की बगावत का जिक्र करते हुए अपने ही विधायकों पर भाजपा नेताओं से करोड़ों रुपये सरकार गिराने के लिए लेने का आरोप लगा दिया था। इसके उपरांत पायलट ने पत्रकार वार्ता कर नया बयान जारी कर दिया था कि गहलोत की नेता सोनिया गांधी नहीं बल्कि वसुंधरा राजे हैं। इसके साथ ही उन्होंने पांच दिनी पैदल यात्रा का एलान कर दिया था। पहले दिन की यात्रा के समापन पर पायलट ने विरोधियों पर निशाना साधा। कहा- मुझ पर कई निचले दर्जे के आरोप लगाए जा सकते हैं। मेरे परिवार की राजनीति को आप सब जानते हैं, मेरे विरोधी भी हमारे पर कोई उंगली नहीं उठा सकते। मैंने हमेशा राजनीतिक शिष्टाचार का पालन किया है और मैंने कभी ओछी भाषा का इस्तेमाल नहीं किया। इससे पहले प्रात: रेलमार्ग से सचिन पायलट अजमेर पहुंचे तो उनके समर्थकों ने उनका अभिनंदन किया।

ढोल बजाकर स्वास्थ्य विभाग को जगाने का किया गया प्रयास


श्रीगंगानगर। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर एलएचवी और एएनएम संघ की महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को ढोल बजाकर स्वास्थ्य विभाग को जगाने का सांकेतिक विरोध प्रदर्शन किया। यह ढोल सीएमएचओ कार्यालय के बाहर बजाया गया और इसके उपरांत ज्ञापन दिया गया। जिलाध्यक्ष शीला कुमारी ने बताया कि एलएचवी, एएनएम नर्सिंग संवर्ग अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेशभर में आंदोलन कर रहा है। इसमें एएनएम की ग्रेड पे 2800 से 3600, एलएचवी की 3600 से 4200 तथा 4800 से 5200 करने, एलएचवी एएनएम नर्सिंग संवर्ग का पदनाम बदलने, मोबाइल एप से पूरी तरह से मुक्त करने, अध्ययन अवकाश 2 से 3 साल करने, मंत्रालयिक कर्मचारियों की तरह इन-सर्विस कोटा प्रदान करने तथा एएनएम नर्सिंग सर्विस रूल्स में परिवर्तन कर शैक्षणिक योग्यता 10वीं से 12वीं करने की मांग प्रमुख है। कार्यकर्ताओं ने कहा कि महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं महिला स्वास्थ्य दर्शिका महिला नर्सिग संवर्ग की योग्यता तृतीय श्रेणी अध्यापक के बराबर है लेकिन ग्रेड पे तृतीय श्रेणी अध्यापक के बराबर नहीं है। सरकार ने उनकी ग्रेड पे आश्वासन के बाद भी नहीं बढ़ाई और न ही उनका पदनाम परिवर्तन किया गया। वहीं शुक्रवार को धरनास्थल पर ही नर्सिंग डे मनाने का निर्णय लिया गया। गुरुवार को भी धरनास्थल पर कार्मिकों ने ढोल बजाकर अपना विरोध प्रदर्शन भी किया।

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