श्रीगंगानगर। राजस्थान का सीमावर्ती जिला श्रीगंगानगर इस समय पाकिस्तान के अपराधियों के लिए मादक पदार्थ हेरोइन और हथियारों आदि के लिए सुरक्षित स्थल बना हुआ है।
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केन्द्र और राज्य सरकारों की करीबन एक दर्जन एजेंसियां इस क्षेत्र की कानून व्यवस्था आदि की रिपोर्टिंग के लिए नियुक्त हैं। भारत सरकार के केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह चार सालों बाद भी स्वयं को गृहमंत्री होने का अनुभव नहीं कर पाये हैं और वे भारतीय जनता पार्टी की जनसभाओं, पार्टी के कार्यक्रमों और चुनावी अभियानों पर फोक्स रखते हैं।
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केन्द्रीय एजेंसियां श्रीगंगानगर जिले की वह रिपोर्टिंग नहीं कर रही हैं, जो उनके लिए आवश्यक है। गत एक सप्ताह के भीतर बॉर्डर पर तीन गतिविधियां ऐसी हो चुकी हैं जो भारतीय सम्प्रभुता को चुनौती दे रही हैं।
भारतीय सीमाओं की रक्षा एजेंसियों के कार्यों को भेदना भी देश की सम्प्रभुता को चुनौती देना है। इस तरह की स्थिति में गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम लागू हो जाता है।
भारत सरकार के गैर कानूनी गतविधियां रोकथाम अधिनियम अर्थात यूएपीए को संयुक्त राष्ट्र से मंजूरी प्राप्त है। इस तरह के अपराध को कारित करने वालों को आतंकवादी घोषित किया जा सकता है। पाकिस्तान में जो लोग इस तरह के कार्यों को अंजाम दे रहे हैं, वे भी इस एक्ट के तहत नामजद हो सकते हैं और उनको या उनके गैंग को भी प्रतिबंधित सूची में डाला जा सकता है। पाकिस्तान राजनीयिक स्तर पर इस बारे चर्चा की जा सकती है।