श्रीगंगानगर (टीएसएन)। अम्बिका ज्वैलर्स के मालिक और अम्बिका सिटी के डवल्पर तरुण बंसल के खिलाफ हनुमानगढ़ में अवैध कॉलोनी को लेकर तीन मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। वहीं जो नयी जानकारी सामने आ रही है, उसमें अम्बिका हाइट्स, अम्बिका इन्कलेव और अम्बिका सिटी-2 के भूखण्ड क्रेताओं के साथ भी धोखाधड़ी सामने आ रही है।

नवरात्रि पर भक्तों के लिए तैयार हुआ वैष्णो देवी का दरबार, तीन लाख से ज्यादा श्रद्वालुओं की पहुंचने की उम्मीद

तरुण बंसल के खिलाफ हनुमानगढ़ में तीन मुकदमे पिछले दिनों दर्ज हुए हैं। उस पर आरोप है कि उन्होंने ग्रीन बैल्ट और विशेष क्षेत्र में आने वाली भूमि को व्यवसायिक क्षेत्र बताकर लोगों को बेच दिया। हनुमानगढ़ नगर परिषद की नकली मुहर का भी इस्तेमाल किया गया। इन तीनों मामलों की उच्चस्तरीय जांच हो रही है। एक मुकदमा तो नगर परिषद की आयुक्त की तरफ से उनके कार्मिक ने पुलिस थाना में रिपोर्ट देकर दर्ज करवाया है।

बधाई हो! भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले शतक बना सकता है

तरुण बंसल अम्बिका ज्वैलर्स के मालिक हैं। लक्कड़मंडी रोड पर उन्होंने ज्वैलरी का शोरूम बनाया हुआ है। वे सबसे पहले अम्बिका सिटी को डवल्प कर चर्चा में आये थे। उनकी इस कॉलोनी में अनेक पुलिस अधिकारी भी भूखण्ड मालिक हैं। इस कारण संभवत: उनको कानून का भय नजर नहीं आता है। माफिया से जुड़े लोग भी उनकी कॉलोनी में निवास करते हैं।
तरुण बंसल और उनके परिवार के सदस्यों ने इसके अतिरिक्त अम्बिका हाइट्स, अम्बिका इन्कलेव और अम्बिका सिटी-2 को भी कॉलोनी के रूप में भूखण्ड बेचे हैं।

रमेश मालपाणी सरकारी जमीन पर खड़ी फसल को बेचकर खा गया, प्रशासन ने जांच को दबाया

तरुण बंसल ने नगर विकास न्यास और भूखण्ड मालिकों के साथ धोखा किया। नगर विकास न्यास से जब कॉलोनी को अनुमोदित करवाया जाता है तो उस समय यह बताया जाता है कि डवल्पर कॉलोनी में बिजली और पानी उपलब्ध करवायेगा। वहीं पेयजल विभाग से जानकारी जुटायी गयी तो पता चला कि बंसल एण्ड ब्रदर्स ने अम्बिका हाइट्स और अम्बिका इन्कलेव के लिए आवेदन ही नहीं किया। वहीं दोनों कॉलोनी के बाशिंदों से पता किया गया तो वहां पर पता चला कि कॉलोनी में भूजल का उपयोग पेयजल के रूप में किया जाता है।

शारदीय नवरात्र मेले को रंग-बिरंगे फूलों से सजाया मां चिंतपूर्णी का दरबार

इससे लोगों को गंभीर जलजनित रोग होने का खतरा है क्योंकि पास ही नहर भी निकलती है जिसका जल भी भूजल में मिल सकता है और रॉ वॉटर किस तरह का नुकसान पहुंचा सकता है यह गंगानगर के लोग जानते हैं।

दूसरी ओर अम्बिका हाइट्स आधे भूखण्ड खाली पड़े हैं और जब बरसात आती है तो उनमें पानी भर जाता है। इससे पड़ोसी के मकान को खतरा उत्पन्न हो जाता है। वहीं खाली भूखण्डों में घास निकल आयी है और बकरी चराने वालों को यह स्थान अपनी बकरियों के लिए महफूज नजर आता है। लगभग रोजाना लोग बकरियां चराने के लिए यहां पहुंचते हैं।

आधी रात को फोटो सैशन के लिए 70 किमी गये सीएमएचओ को शहर के हालात का भी जायजा लेना चाहिये

दूसरी ओर सूरतगढ़ बाइपास पर रिद्धि-सिद्धि के नजदीक अम्बिका सिटी-2 को बनाया जा रहा है। भूखण्ड बेच भी दिये गये हैं और हालात यह है कि रेरा से इसका पंजीकरण तक नहीं करवाया गया है। रेरा से पंजीकरण नहीं होना उपभोक्ताओं (भूखण्ड खरीददारों) के साथ धोखा होता है। भूखण्ड मालिक इसकी अपील भी नहीं कर सकते।

रेरा उपभोक्ताओं के लिए अपीलीय अधिकारी होता है और वहां पर भी न्याय नहीं मिले तो हाइकोर्ट में निर्णय के खिलाफ जाया जा सकता है। इस तरह से उपभोक्ताओं से जिस तरह से ठगी का खेल चल रहा है, अगर उपभोक्ता जागरुक होते तो अब तक श्रीगंगानगर में भी अनेक मुकदमे दर्ज हो चुके होते।

VIASandhyadeep Team
SOURCESandhyadeep Team
Previous articleबधाई हो! भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले शतक बना सकता है
Next articlePunjab Live : किसानों ने सांसद व अभिनेता सन्नी देयोल की गुरदासपुर कोठी का किया घेराव, रोष-प्रदर्शन

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here