नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि आजादी के बाद देश की सभी सरकारों ने भारत को उस ऊंचाई तक ले जाने में अपना योगदान दिया है, जहां वह आज मौजूद है।
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साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कुछ अपवादों को छोड़कर लोकतंत्र को मजबूत करने की देश की गौरवशाली परंपरा रही है। यहां तीन मूर्ति भवन परिसर में नवनिर्मित प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि संवैधानिक लोकतंत्र के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए देश के सभी प्रधानमंत्रियों ने अपना भरपूर योगदान दिया है।
प्रधानमंत्री संग्रहालय दिल्ली के तीन मूर्ति परिसर में निर्मित है और इसमें देश के 14 पूर्व प्रधानमंत्रियों के जीवन की झलक के साथ साथ राष्ट्रनिर्माण में उनका योगदान दर्शाया गया है। इसका उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने संग्रहालय का अवलोकन भी किया। इसके उद्घाटन से पहले, उन्होंने संग्रहालय का टिकट भी खरीदा। उन्होंने इस संग्रहालय को प्रत्येक सरकार की साझा विरासत का जीवंत प्रतिबिंब करार देते हुए उम्मीद जताई कि यह संग्रहालय भारत के भविष्य के निर्माण का एक ऊर्जा केंद्र भी बनेगा।
भारत को ”लोकतंत्र की जननीÓÓ बताते हुए मोदी ने कहा कि एक दो अपवादों को छोड़ दिया जाए तो देश में लोकतंत्र को लोकतांत्रिक तरीके से मजबूत करने की गौरवशाली परंपरा रही है, इसलिए अपने प्रयासों से लोकतंत्र को मजबूत करते रहना सभी का दायित्व भी है। उन्होंने हालांकि जिन एक या दो अपवादों का उल्लेख किया, उसकी विस्तार से व्याख्या तो नहीं की लेकिन यह सर्वविदित है कि भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों की बड़ी आलोचक रही है। खासकर, इंदिरा गांधी के कार्यकाल की। गांधी के कार्यकाल में ही देश में आपातकाल लगाया गया था और सभी नागरिकों अधिकारों पर रोक लगा दी गई थी। उन्होंने कहा कि देश के सभी प्रधानमंत्रियों ने अपने समय की अलग-अलग चुनौतियों को पार करते हुए देश को आगे ले जाने की कोशिश की और सभी के व्यक्तित्व, कृतित्व और नेतृत्व के अलग अलग आयाम रहे हैं। उन्होंने विश्वास जताया, ”यह नवनिर्मित प्रधानमंत्री संग्रहालय भविष्य के निर्माण का भी एक ऊर्जा केंद्र बनेगा। अलग-अलग दौर में नेतृत्व की क्या चुनौतियां रहीं, कैसे उनसे निपटा गया, इसको लेकर भी भावी पीढ़ी के लिए यह एक बड़ी प्रेरणा का माध्यम बनेगा।ÓÓ