Saturday, May 27, 2023
Saturday, May 27, 2023
HomeSriGanganagarहेरोइन मादक पदार्थ की इंटरनेशनल मार्केट है?

हेरोइन मादक पदार्थ की इंटरनेशनल मार्केट है?

श्रीगंगानगर। नशे को लेकर पहले पंजाब और अब हरियाणा, राजस्थान में भी चिंता की लहर है। हर रोज हेरोइन तस्करी के समाचार आ रहे हैं। यह पंजाब से लेकर राजस्थान के जैसलमेर बॉर्डर तक फैला हुआ जाल है। वहीं सवाल यह भी उठ रहा है कि हेरोइन जैसे मादक पदार्थों की कोई इंटरनेशनल मार्केट भी है?

श्रीगंगानगर। नशे को लेकर पहले पंजाब और अब हरियाणा, राजस्थान में भी चिंता की लहर है। हर रोज हेरोइन तस्करी के समाचार आ रहे हैं। यह पंजाब से लेकर राजस्थान के जैसलमेर बॉर्डर तक फैला हुआ जाल है। वहीं सवाल यह भी उठ रहा है कि हेरोइन जैसे मादक पदार्थों की कोई इंटरनेशनल मार्केट भी है?

अवैध ब्याज के धंधे को कानूनी जामा पहनाता भारतीय नैगोशिएबल एक्ट
नशे की रोकथाम के लिए अनेक एजेंसियां कार्यरत हैं। इसके उपरांत भी तस्करी की रोकथाम नहीं हो पा रही है तो सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि लापरवाही कहां हो रही है। सूरतगढ़ पुलिस ने दो दिन पहले एक युवक को हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया था। इसके उपरांत दो अन्य लोग भी दबोच लिये गये थे। अब यह जानकारी सामने आ रही है कि बूटा नामक तस्कर की सूचना के आधार पर जैसलमेर में कार्यवाही हुई है। वहां से 11 किलो हेरोइन बरामद हुई है। हालांकि इस संबंध में देर रात तक पुलिस की ओर से अधिकारिक तौर पर जानकारी नहीं दी गयी थी। एक संवाद सेवा ने एडीजी दिनेश एमएन के हवाले से यह समाचार दिया है कि सीआईडी क्राइम ब्रांच ने श्रीगंगानगर, जैसलमेर आदि जिलों की पुलिस के साथ बॉर्डर एरिया में जैसलमेर से 11 किलो हेरोइन बरामद की है। बूटासिंह सूरतगढ़ में पुलिस हिरासत में चल रहा है।

सरकारी एजेंसियां सुस्त, बॉर्डर पर मादक पदार्थों की तस्करी

वहीं चिंताजनक बात यह भी है कि पाकिस्तान के अतिरिक्त अफ्रीकी देशों से कुछ लोग एज्युकेशन, मेडिकल, टूरिस्ट वीजा पर भारत आ रहे हैं और वीजा अवधि के उपरांत दिल्ली और उसके आसपास के एरिया में ही रह रहे हैं और इनमें अधिकांश लोगों ने तस्करी को अपना पेशा बना लिया है। श्रीगंगानगर जिले में भी पिछले कुछ समय के दौरान अनेक अफ्रीकन लोग पकड़े गये हैं, जो ड्रग्स सप्लाई करते थे।
केन्द्र सरकार के लिए यह एक चिंता का कारण हो सकता है और विदेश मंत्रालय को इस संबंध में आवश्यक कदम उठाने चाहिये। अनेक विकसित राष्ट्र अफ्रीकी मूल के लोगों को वीजा देने से पूर्व उनके बारे में पूरी जानकारी जुटा रहे हैं किंतु भारत में जिस तरह से इनकी संख्या बढ़ी है, उससे लगता है कि आने वाले वक्त में दिल्ली राज्य को यह लोग एक बड़ी मार्केट बनाने की योजना पर कार्य कर रहे हैं। हालांकि इंटरनेशनल लेवल पर ऐसी कोई मार्केट गूगल पेश नहीं कर रहा है जो अमेरिका, यूरोपीय देशों आदि में मादक पदार्थों के लिए भाव तय करती हो। इन सभी देशों में मादक पदार्थ बैन हैं। इंटरनेशनल मार्केट में फिर हेरोइन जैसे मादक पदार्थों के भाव कौन तय करता है। यह युवाओं को लुभाने के लिए एक प्रोपगेंडा है ताकि वे कम समय में अधिक पैसा कमाने के लिए इस प्रोफेशन को अपनायें और युवाओं का भविष्य खराब करें।

डॉ. सैनी पीएमओ चौहान के आशीर्वाद से बन गया प्रोफेसर

एलएचवी कार्मिकों का धरना शनिवार को भी जारी
श्रीगंगानगर। मौसम में भारी परिवर्तन के उपरांत भी एलएचवी-एएनएम कार्मिकों का धरना शनिवार को भी जारी रहा। वे अपनी मांगों को लेकर लगातार राजनीतिक दलों के जनप्रतिनिधियों से भी मिल रही हैं और उनको ज्ञापन देकर अपनी मांगों के संबंध में अवगत भी करवा रही है। जिलाध्यक्ष शीला कुमारी ने बताया कि कार्मिकों ने श्रीगंगानगर, सादुलशहर विधायक तथा जिला प्रमुख को ज्ञापन देकर अपनी मांगों के संबंध में अवगत करवाया है। वहीं राज्य सरकार की सद्बुद्धि के लिए भी यज्ञ किया गया। डीएम-सीएमएचओ को भी ज्ञापन के जरिये यह जानकारी दी गयी है कि उनकी मांगें जायज हैं। सरकार को तत्काल प्रभाव से कदम उठाना चाहिये। वहीं स्वास्थ्य कार्मिकों की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों से मौसमी व अन्य बीमारियों के संबंध में राज्य सरकार को भेजी जाने वाली रिपोर्ट भी अब निल जा रही है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि ग्रामीण अंचल में स्वास्थ्य क्षेत्र में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

श्रीगंगानगर विधानसभा सीट : पिछले 20 सालों से कांग्रेस नहीं जीत पाई, भाजपा के मूल कार्यकर्ता को कभी विजय नहीं मिली
श्रीगंगानगर। राजस्थान के श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय की विधानसभा सीट को लेकर राजनीतिक दलों की नजरें टिकी हुई हैं किंतु अगर इस क्षेत्र के इतिहास का विश£ेषण किया जाये तो कभी मूल भाजपा कार्यकर्ता विजयी नहीं हुआ है। वर्तमान में भी पार्टी के पास ऐसा चेहरा नहीं है जो 50 हजार या इससे अधिक वोट हासिल कर सके। दूसरी ओर कांग्रेस भी पिछले 20 सालों से इस सीट पर हार को झेलती रही है। 2013 में तो वह जमानत बचाने लायक भी वोट हासिल नहीं कर पायी थी।
श्रीगंगानगर विधानसभा सीट के लिए पहली बार 1951 में वोट डाले गये थे। उस समय आजादी के बाद संविधान का सृजन किया गया था और देश में वोटिंग के लिए काफी हलचल थी। चौ. मोतीराम सहारण इस विधानसभा सीट पर विजयी रहे। वे कांग्रेस की सीट पर लड़े थे। 6 सालों उपरांत 1957 में पुन: चुनाव हुए तो इस बार भी कांग्रेस को विजय मिली किंतु चेहरा नया था। देवनाथ को इस सीट पर जीत हासिल हुई। इसके उपरांत प्रो. केदारनाथ का दौर आरंभ होता है। वे 1962, 1967, 1972 और 1977 तक लगातार चार बार विधायक निर्वाचित हुए। उन्होंने निर्दलीय व गैर कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव जीता था। इस तरह से कांग्रेस के लिए यह विधानसभा क्षेत्र जीतना चुनौति बन गया था। 1980 में राधेश्याम गंगानगर ने कांग्रेस को 22 सालों बाद पुन: विजयी बना दिया। इसके उपरांत 1985, 1990 के चुनावों में पुन: केदारनाथ विजयी हुए। इस तरह से 10 साल पुन: कांग्रेस इस सीट पर नहीं जीत पायी। 1993 में मध्यावधि चुनाव हुए। प्रधानमंत्री नरसिंह राव ने अयोध्या घटना के उपरांत राजस्थान में भैरोंसिंह शेखावत की सरकार को भी बर्खास्त कर दिया था। 1993 से लेकर 1998 तक दो चुनावों में कांग्रेस फिर से जीत हासिल करने में कामयाब रही। राधेश्याम लगातार दो बार विधायक बने। 1993 में यहां से भैरोंसिंह शेखावत जो तत्कालीन मुख्यमंत्री थे, वे भी भाजपा को विजयी बनाने में कामयाब नहीं हो सके। 2003 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने जनता दल से सुरेन्द्र सिंह राठौड़ को आयात किया और वे विजयी हो गये। भाजपा को पहली बार जीत हासिल हुई। 2008 में हालात फिर से बदल गये थे। सुरेन्द्रसिंह राठौड़ के स्थान पर कांग्रेस नेता राधेश्याम गंगानगर को आयात किया गया और उन्होंने भाजपा को पुन: विजयी बना दिया। कांग्रेस ने एके एंटनी की रिपोर्ट के कारण राधेश्याम गंगानगर का टिकट काट दिया था। भाजपा ने उन्हें अपना चेहरा बना लिया। 20013 में नवसृजित बीडी अग्रवाल की जमींदारा पार्टी की प्रत्याशी कामिनी जिंदल विजयी हो गयीं। 2018 में निर्दलीय राजकुमार गौड़ विजयी रहे।
इस तरह से पिछले दो विधानसभा सीट से भाजपा विजयी नहीं हो पायी तो कांग्रेस पिछले 2003 के विधानसभा चुनावों के बाद विजय हासिल करने के लिए तरस रही है। कांग्रेस और भाजपा, जो दोनों प्रमुख राजनीतिक दल हैं, उनके लिए श्रीगंगानगर सीट पर विजय हासिल करना आसान नहीं रहा है। भाजपा का मूल कार्यकर्ता तो श्रीगंगानगर सीट पर विजय हासिल ही नहीं कर पाया है। यह भाजपा के लिए सबसे बड़ी चिंता का कारण बन गया है। वर्तमान दौर में देखा जाये तो कोई ऐसा चेहरा नहीं है जो टिकट हासिल करने के उपरांत लोगों को आकर्षित करते हुए 50 हजार वोट हासिल कर सके। यह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के लिए एक चिंता का कारण हो सकता है।

पंजाब की स्पोर्ट्स इंडस्ट्री का भाजपा की नीतियों में विश्वास : अनुराग ठाकुर
जालंधर (दिनेश मल्होत्रा)। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा एवं खेल मामलों के मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने आज जालंधर में स्पोर्ट्स इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के अपार जनसमूह को संबोधित किया। अनुराग ठाकुर ने पंजाब के स्पोर्ट्स इंडस्ट्री को भाजपा को पूर्ण समर्थन व अपार सहयोग के लिए धन्यवाद प्रकट किया। अनुराग ठाकुर ने कहा कि पंजाब की स्पोर्ट्स इंडस्ट्री की ख्याति पूरे देश और दुनिया में है। आदरणीय प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी इस इंडस्ट्री को और विस्तार देने व प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह हर्ष का विषय है कि जालंधर स्पोर्ट्स इंडस्ट्री से जुड़े सभी हितधारकों ने भाजपा व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों में विश्वास जताया है और इस लोकभा उपचुनाव में यहाँ कमल खिलाने का संकल्प लिया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज कांग्रेस व आम आदमी पार्टी की ग़लत नीतियों के चलते पंजाब नशे की गिरफ़्त में है। इन लोगों ने नशा माफिया पर ना तो नकेल कसी और ना ही प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए कोई कदम उठाया। इन दोनों पार्टियों ने ना सिर्फ़ युवाओं को धोखा दिया, बल्कि उनके भविष्य के साथ भी खिलवाड़ किया है। पंजाब को नशे से दूर करने में खेल अपनी अहम भूमिका निभा सकते हैं। खेल देश को एकजुट करने के साथ उसके ‘सॉफ्ट पावरÓ को भी दर्शाता है। सॉफ्ट पावर का मतलब किसी देश की वह क्षमता है जिसके माध्यम से वह बिना किसी बल प्रयोग के अन्य देशों से अपने हितों के अनुरूप सहयोग प्राप्त कर सकता है।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि 2014 के बाद जब से देश की कमान माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के हाथों में आई है, तब से उन्होंने देश और देश के विकास में युवा शक्ति की भूमिका को समझते हुए कई क्रांतिकारी परिवर्तनों की शुरुआत की है। खेलो इंडिया, फिट इंडिया, स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी, टीक्यूपीएस जैसी योजनाएं भारत में आए खेलों के प्रति 360 डिग्री के परिवर्तन को दर्शाते हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान भी केंद्र सरकार खिलाडि़य़ों को प्रशिक्षण और अन्य सुविधाएं मुहैया कराती रही और इसके परिणामस्वरूप देश ने ओलंपिक में सात, पैरालंपिक में 19 और डीफ्लंपिक में 16 पदक जीते। साथ ही थॉमस कप जीतकर खिलाडयि़ों ने विश्व मानचित्र पर अपनी छाप छोड़ी है। खेल मंत्री ठाकुर ने कहा कि इस बार देश का खेल बजट करीब 2500 करोड़ रुपए है। 2014 से पहले खेल विभाग का बजट आठ सौ, साढ़े आठ सौ करोड़ रुपए के आसपास ही रह जाता था। यानि 2014 के मुकाबले देश के खेल विभाग के बजट में लगभग तीन गुना बढोतरी हुई है। केंद्र सरकार अब जिला स्तर और स्थानीय स्तर तक स्पोर्ट्स फैसिलिटीज बना रही है। अब तक देश के सैकड़ों जिलों में लाखों युवाओं के लिए स्पोर्ट्स इनफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया है। इस बार नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी को भी अधिकतम बजट प्रदान किया गया है। हमारा प्रयास है कि स्पोर्ट्स मैनेजमेंट और स्पोर्ट्स टेक्नोलॉजी से जुड़ी हर विद्या को सीखने का माहौल बने। जिससे युवाओं को इस क्षेत्र में करियर बनाने का अवसर मिलेगा।

खालिस्तान कमांडो फोर्स के प्रमुख की लाहोर में गोली मारकर हत्या
लाहोर। पाकिस्तान के लाहौर से भारत के खिलाफ गतिविधियां संचालित करने के मामले में वांछित खालिस्तान कमांडो फोर्स के प्रमुख परमजीत सिंह पंजवार की शनिवार को गोली मारकर हत्या कर दी गयी। यह वारदात उसके घर के नजदीक हुई थी।
एक संवाद सेवा के अनुसार 1990 में परमजीत सिंह का नाम प्रमुख आतंकवादी के रूप में सामने आया था। पंजाब पुलिस के एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि उस पर भारतीय सेना के पूर्व प्रमुख जनरल एएस वैद्य की 1992 में हत्या का आरोप लगा था और लुधियाना में हुई सबसे बड़ी डकैती का भी एक प्रकरण था। इसके अतिरिक्त वह कई अन्य मामलों में भी वांछित था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि हालांकि पंजवार हाल के दिनों में पंजाब में आतंकवाद से संबंधित घटनाओं में महत्वपूर्ण रूप से शामिल नहीं था, लेकिन वह ड्रोन के जरिए पाकिस्तान की ओर से पंजाब में तस्करी, हथियार और गोला-बारूद की तस्करी में शामिल था। वह पाकिस्तान की आईएसआई और वहां के ड्रग तस्करों के बीच की मुख्य कड़ी बताया जाता है। उल्लेखनीय है कि कुछ समय के भीतर भारत-पाकिस्तान के बीच लम्बी सीमा जिसमें राजस्थान का श्रीगंगानगर, जैसलमेर, बीकानेर आदि जिले शामिल हैं, हेरोइन व अन्य मादक पदार्थ की तस्करी में बढ़ोतरी हुई है।

ट्रेन का इंजन फेल होने से हिन्दुमलकोट पर तीन घंटे तक ठप रहा रेल यातायात
श्रीगंगानगर। राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में एक यात्री रेलगाड़ी का पॉवर फेल होने के कारण रेल यातायात व्यवस्था प्रभावित हो गयी और अनेक गाडिय़ां अपने निर्धारित समय से तीन घंटे से भी ज्यादा लेट हो गईं। मिली जानकारी के अनुसार फिरोजपुर-श्रीगंगानगर के बीच चलने वाली ट्रेन का इंजन शनिवार को हिन्दुमलकोट के पास शॉर्ट सर्किट के कारण खड़ा हो गया। इंजन में आगजनी की घटना के उपरांत वहां पर रेलगाड़ी का ठहराव कर दिया गया और श्रीगंगानगर में सूचना दी गयी। करीबन तीन घंटे की देरी से दूसरा इंजन वहां पहुंचा। इसके उपरांत गाड़ी को श्रीगंगानगर तक लाया जा सका। हालांकि इस दौरान अन्य गाडिय़ां भी प्रभावित हुई हैं। यह रेलगाड़ी फिरोजपुर से प्रात: 6 बजे के आसपास रवाना होकर 9 बजे श्रीगंगानगर पहुंचती है। रेलवे अधिकारियों ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि हिंदुमलकोट के पास इंजन में आग से पॉवर फेल हो गया। श्रीगंगानगर से नया इंजन भेजकर ट्रेन को रवाना किया गया।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments