लम्पी महामारी : सनातन धर्म के समक्ष सबसे बड़ा संकट

0
22

श्रीगंगानगर। सनातन धर्म में आस्था रखने वालों के लिए गाय माता है। अनेक देवताओं का वास गाय में बताया गया है और उन्हीं गाय पर एक वायरस के कारण भारी संकट आ गया है। जिले में हजारों गायों के बीमार होने की जानकारी सामने आ रही है। इस विपदा की घड़ी में हर सनातनी का फर्ज निजी रूप से लम्पी महामारी के खिलाफ सहयोग के लिए बन जाता है।

 

पत्नी के साथ अवैध संबंधों से आक्रोशित चाचा ने भतीजे की कर दी हत्या

श्रीगंगानगर जिले में अनेक बड़ी गौशालाएं हैं। उन गौशालाओं के पास रिजर्व फंड भी है। यह फंड गौ भक्तों की ओर से दिये गये दान के रूप में प्राप्त होता है। जो जानकारी मिली है, उसमें बताया गया है कि सुखाडिय़ा सर्किल के पास स्थित गौशाला की प्रबंधन समिति के पास एक करोड़ से ज्यादा का सुरक्षित धन है। वहीं पदमपुर मार्ग पर स्थित गौशाला के पास 70 लाख से ज्यादा का रिजर्व फंड है।
दूसरी ओर अनेक ऐसी गौशालाएं भी हैं जो गांवों में छोटे-छोटे रूप में हैं और गांववालों के सहयोग से ही संचालित की जा रही हैं। उनको सरकारी अनुदान भी प्राप्त नहीं होता। वहां भी पशुओं के बीमार होने की जानकारी सामने आ रही है। हजारों की संख्या में ऐसे गौवंश हैं जो बेसहारा हैं। वे इधर-उधर भटककर अपना पेट पालते हैं। उनके भी बीमार होने की आशंका है।

 

लम्पी बीमारी से गांव-गांव में बन रही है हड्डा रोड़ी, जूनोसिस से इंसान बचकर रहें

इस तरह से एक बड़ा संकट है। इस संकट की घड़ी में गौवंश को मरता हुआ नहीं देखा जा सकता। सरकार के पास पर्याप्त संख्या में डॉक्टर भी नहीं है। पशुपालन विभगा के संयुक्त निदेशक रामबीर शर्मा मान चुके हैं कि संसाधन कम हैं। वहीं सामाजिक प्रतिष्ठा के चलते युवा वर्ग में पशु चिकित्सक बनने के लिए उतना उत्साह भी नहीं देखा जाता। अधिकांश मेडिकल छात्र ह्यूमन क्षेत्र में ही शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं।

कुछ समाजसेवी संस्थाएं सामने आ रही हैं जो तन-मन-धन से सहयोग करने को तैयार हैं। वहीं शहर की दोनों प्रमुख गौशालाओं के अध्यक्ष का मानना है कि उनके पास इतने संसाधन नहीं है कि वे बेसहारा पशुओं की देखभाल अथवा उनकी चिकित्सा व्यवस्था कर सकें। सुखाडिय़ा सर्किल स्थित गौशाला प्रबंध समिति के अध्यक्ष रमेश खदरिया का कहना है कि गौशालाओं के पशुओं के अतिरिक्त उनके पास अन्य पशुओं के लिए संसाधन नहीं है। वे सूचना प्राप्त होने पर गौवंश को दवा पहुंचा देते हैं। वे गौशाला के आइसोलेशन में उनको नहीं रख सकते।

 

आजादी के अमृत महा उत्सव की एक झांकी देशवासियों को श्रीगंगानगर-रावतसर आकर भी देखनी चाहिये

उनके पास फंड की भी कमी है। पिछले वर्ष 6 माह का अनुदान प्राप्त हुआ था। इस साल जनवरी से अब तक कोई सरकारी सहायता नहीं मिली है। वहीं दूसरी ओर श्रीकृष्ण लीला का कहना है कि डेढ़ बीघा में गोशाला है जिसमें 750 गौवंश हैं। बीमार पशुओं के लिए अलग से आइसोलेशन की व्यवस्था नहीं है। इस कारण जहां तूड़ी का संधारण होता है, वहीं पर संक्रमित पशुओं को रखा जा रहा है।

श्रीकरणपुर थाने में सहायक उप निरीक्षक रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार

श्रीगंगानगर/श्रीकरणपुर (टीएसएन/राजकुमार गौड़)। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने शनिवार को कार्यवाही करते हुए श्रीकरणपुर पुलिस थाना के सहायक उपनिरीक्षक को पांच हजार रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में रंगे हाथ गिरफ्तर कर लिया। एसीबी का दावा है कि आरोपी एएसआई ने 10 हजार रुपये की राशि सत्यापन की कार्यवाही के समय ले ली थी।

ब्यूरो से प्राप्त जानकारी के अनुसार श्रीगंगानगर की सिंधी कॉलोनी के रहने वाले उग्रसेन पुत्र धर्मपाल मूल रूप से श्रीकरणपुर के गांव मुकन का रहने वाला है। उसके खिलाफ श्रीकरणपुर थाने में मामला दर्ज था। इस मामले में एफआर लगाने की एवज में श्रीकरणपुर थाने में तैनात एएसआई महावीर प्रसाद रिश्वत की मांग की। उग्रसेन ने इसकी लिखित शिकायत एसीबी को की।

सत्यापन की कार्यवाही के दौरान गुरुवार को आरोपी उग्रसेन ने 10 हजार रुपये की रिश्वत कीि राशि प्राप्त कर ली। शनिवार को ट्रैप की कार्यवाही करने के लिए परिवादी को पांच हजार रुपये की राशि अदृश्य रंग लगे नोटों के साथ भेजा गया। यह राशि जैसे ही एएसआई ने ली, उसको रंगे हाथ गिरफ्तर कर लिया गया।

पुत्र की चाह में चार बेटियों के पिता ने एसएमएस से किया बालक का अपहरण

जयपुर। राज्य के सबसे बड़े हॉस्पीटल एसएमएस से चार माह के बच्चे के अपहरण का मामला पुलिस ने सुलझा लिया है। आरोपी ने बेटे का पिता बनने की चाह में दूसरे परिवार के घर की खुशियों को छीनने का प्रयास किया।

हासिलशुदा जानकारी के अनुसार चार माह के दिव्यांश नामक बच्चे का अपहरण कर लिया गया था। अस्पताल से बालक के लापता होने पर मामला पुलिस के पास प हुंचा। एसएमएस हॉस्पीटल थाना पुलिस ने इस मामले को लेखबद्ध किया और सीसी कैमरों की मदद से बालक और अपहरणकर्ता की तलाश आरंभ कर दी।

शनिवार को पुलिस को सफलता हासिल हो गयी। वह मानसरोवर इलाके में पकड़ा गया। बच्चा उसकी पत्नी की गोद में खेल रहा था। आरोपी हेमेन्द्र उर्फ राजू चार बेटियों का पिता था। पुत्र की चाह में वह परिवार कल्याण के बारे में सोच नहीं रहा था। जब परिवार बढ़ा होता गया तो उसने बेटे की चाह में दूसरे परिवार की खुशियों में ढाका डालने की कोशिश की और पकड़ा गया। सीसी कैमरों में मिली संदिग्ध की फोटो के आधार पर महेश नगर थाना के सिपाही भीमसिंह ने जानकारी जुटायी थी और आखिर में शनिवार दोपहर बाद पुलिस ने सफलता हासिल कर ली।

VIASatish Beri
SOURCENews Agency
Previous articleपत्नी के साथ अवैध संबंधों से आक्रोशित चाचा ने भतीजे की कर दी हत्या
Next articleपुलिस को चकमा देकर भागे हवालात के बंदी

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here