श्रीगंगानगर। रविवार को राजकीय अवकाश के दिन एक प्राइवेट बैंक ने पुलिस बल की मौजूदगी में एक विधवा महिला को घर से बाहर निकाल सरफेसी एक्ट में मकान का कब्जा ले लिया। इस कार्यवाही को लेकर इस कारण भी सवाल खड़े हो रहे हैं क्योंकि लोन होल्डर अपनी मां का इलाज करवाने के लिए भटिण्डा के एम्स अस्पताल गया हुआ था। उसकी मां को कैंसर रोग है। एसपी व जिला कलक्टर ने इस मामले की जांच करवाने का बयान दिया है।
श्रीकरणपुर में रविवार को पुलिस, बैंक अधिकारियों का बड़ा दल वाहनों के साथ दुर्गा मंदिर के पास स्थित बी ब्लॉक में पहुंचा। रमेश गोयल, साहिल गोयल के मकान को कब्जे में लेने के लिए प्रक्रिया आरंभ कर दी गयी। 89 बी ब्लॉक मकान मॉग्रेज लोन के तहत प्राइवेट बैंक ए यू स्मॉल फायनेंस बैंक के पास गिरवी था।
करणपुर शाखा के बैंक अधिकारी भूपेन्द्रसिंह ने इस संवाददाता को बताया कि साहिल गोयल ने 27 लाख रुपये का ऋण कपड़े की दुकान खोलने के लिए लिया था। कोरोना काल के ‘दौरानÓ खाता एनपीए की श्रेणी में चला गया। बैंक का आज तक करीबन 40 लाख रुपये का बकाया है। सरफेसी एक्ट के तहत कार्यवाही करते हुए आज मकान को कब्जे में ले लिया गया।
वहीं ऋण धारक साहिल गोयल के पिता एवं मकान के मालिक रमेश गोयल ने सांध्यदीप के साथ वार्ता करते हुए कहा कि मकान को कब्जे में लेने के लिए जो आवश्यक प्रक्रिया होती है, उसको नहीं अपनाया गया। उनको पूर्व में मौखिक रूप से बैंक अधिकारियों ने चेतावनी दी थी। इस दौरान उन्होंने दो लाख रुपये जमा करवा दिये थे। इसके उपरांत डीएम और अन्य अधिकारियों से भी मिलकर वन टाइम सैटलमेंट के लिए आग्रह किया गया था। अब उनकी पत्नी को कैंसर रोग होने की जानकारी मिली। रविवार को वे एम्स भटिण्डा में भर्ती पत्नी के पास आये थे। उनका पुत्र व परिवार के अन्य लोग भी उनके साथ थे। घर की रखवाली के लिए वे अपनी मां को छोड़कर आये थे।
रमेश गोयल का कहना है कि उनकी 70 साल की मां घर पर अकेली थी। पुलिस और बैंक अधिकारियों ने जबरन उनको घर से बाहर निकालकर सामान सहित मकान को सीज कर दिया। उनकी विधवा व वृद्ध मां को उसका भाई श्रीगंगानगर से आकर उनको अपने साथ अपने घर पर ले गया।
मोहल्लावासियों ने इस संवाददाता के साथ बातचीत करते हुए कहा कि आज रविवार था। सरकारी अवकाश था। बैंक कहीं नहीं जा रहा था और मकान के भी पैर नहीं लगे थे। वह भी कहीं नहीं जा रहा था। बैंक की ओर से पूर्व में कभी नोटिस भी नहीं लगाया गया। आज अचानक प्राइवेट बैंक और पुलिस अधिकारी आये। वृद्ध महिला को बाहर निकाल दिया। सामान को भी बाहर निकालने का मौका नहीं दिया गया। एक पड़ोसी ने बताया कि पुलिस जिस तरह से व्यवहार कर रही थी, उससे लग रहा था कि कोई बड़ी कार्यवाही हो रही है। थानाधिकारी स्वयं लीड कर रहे थे। बाद में पता चला कि मकान पर बैंक कब्जे में ले रहा है। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल होने के कारण कोई विरोध नहीं कर पाया।
राजकीय अवकाश के समय एक मकान को कब्जे में लेने के संबंध में बैंक की ओर से डीएम के आदेश अपने पास होने का दावा किया गया। जिला कलक्टर रूकमणि रियार व पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा ने विधवा महिला को घर से निकालकर सरफेसी एक्ट में कार्यवाही की जांच करवाने की बात कही है।