नया टायकून हो सकता है राजीव कालड़ा, भास्कर समूह का बिजनेस पार्टनर

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श्रीगंगानगर। राजीव कालड़ा को संभवत: कार्पोरेट जगत 18 मई 2018 से पूर्व नहीं जानता होगा। वे एकाएक प्रवेश करते हुए भास्कर समूह और उनके सहयोगियों की चार कंपनियों में डायरेक्टर के रूप में शामिल होते हैं। इसके उपरांत वे अनेक कंपनियों में शामिल होते गये।
दैनिक भास्कर समूह की कंपनियों डीबी पॉवर (मध्यप्रदेश)लिमिटेड, डेलीजेंट पॉवर प्राइवेट लिमिटेड, डिकोर थर्मल पॉवर प्राइवेट लिमिटेड, डीबी पॉवर लिमिटेड में 18 मई 2018 को राजीव कालड़ा बतौर डायरेक्टर शामिल होते हैं। यह रिकॉर्ड कार्पोरेट मंत्रालय से प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार है।

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इसके उपरांत कुछ ही समय में वे कंपनियों के एक बड़े गु्रप के डायरेक्टर बन जाते हैं। यह कंपनी टोल हाइवे आदि का कार्य करती है। एमसीए के अनुसार राजीव कालड़ा के डायरेक्टरशिप वाली कंपनियों में डीबी पॉवर (मध्यप्रदेश) लिमिटेड, डेलीजेंट पॉवर प्राइवेट लिमिटेड, डिकोर थर्मल पॉवर प्राइवेट लिमिटेड, डीबी पॉवर लिमिटेड, किशनगढ़-ब्यावर एनएच-8 टोलवे प्राइवेट लिमिटेड, सोमा टोलवेज प्राइवेट लिमिटेड, सोमा इंडस वाराणसी-औरंगाबाद टोलवे प्राइवेट लिमिटेड, लीप ग्रीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड, समर हिल एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड, इरकॉन-सोमा टोल वे प्राइवेट लिमिटेड, नंदी इकनॉमिक कॉरिडोर इंटरप्राइजेज लिमिटेड तथा टीआरजी एडवाइजर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड शामिल है।

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सरकारी दस्तावेज बताते हैं कि 18 मई 2018 को कालड़ा कार्पोरेट जगत में प्रवेश करते हैं। 20 नवंबर 2018 को सोमा टोलवेज प्राइवेट लिमिटेड डिवेंचर कंपनी आईडीबीआई ट्रस्टीशिप सर्विसेज लिमिटेड, जिसका कार्यालय एशियन बिल्डिंग, ग्राउंड फ्लोर, 17-आर कामनी मार्ग बिल्लार्ड इस्टेट मुम्बई में है, से 22541200000 (दो हजार दो सौ 54 करोड़ 12 लाख) राशि का ऋण प्राप्त किया जाता है। 20 नवंबर 2018 को ही आईडीबीआई ट्रस्टीशिप सर्विसेज लिमिटेड 1378600000 (1 सौ 37 करोड़ 86 लाख) राशि का ऋण मंजूर हो जाता है।

लीप ग्रीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड में 18 जुलाई 2018 को कालड़ा बतौर डायरेक्टर शामिल होते हैं। इस कंपनी का लेखा-जोखा बताता है कि ने 11 वर्ष पुराने लिये गये ऋण को भी अभी तक वापिस नहीं किया है। कंपनी पर 26 ऋण खाते चालू होने की जानकारी मिली है। 17 अगस्त 2011 को इंडियन बैंक 1190000000 (119 करोड़)को ऋण जारी हुआ था।

इसका न तो पुनर्भुगतान के संबंध में कोई निर्णय लिया गया। न ही यह ऋण वापिस हुआ। तमिलनाडू की कोयम्बटूर की मुख्य ब्रांच ने यह लोन दिया था। इसी तरह से 31 मार्च 2022 को तमिलनाडू मर्केंटाइल बैंक लिमिटेड की कोयम्बटूर में अक्षय ऑर्बिट के पास स्थित शाखा से 30 करोड़ 65 लाख का ऋण स्वीकृत हुआ।

SandhyaDeep 2-8-2022

इस लोन से सिर्फ तीन दिन पहले 28 मार्च 2022 को कोयम्बटूर की ही स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की कमर्शियल ब्रांच से 39 करोड़ 15 लाख को लोन पास हुआ। आईडीबीआई ट्रस्टीशिप सर्विसेज लिमिटेड कंपनी ने 28 दिसंबर 2021 को 20 करोड़ 33 लाख का ऋण स्वीकृत किया। तमिलनाडू मर्केटाइल बैंक लिमिटेड ने 5 फरवरी 2021 को 5 करोड़, आईडीबीआई ट्रस्टीशिप सर्विसेज लिमिटेड ने 26 जुलाई 2019 को ऋण दिया, जिसका मोडिफिकेशन हुआ 20 अगस्त 2019 को, ऋण राशि 6457110000 (छ: 45 करोउ़ 71 लाख 10 हजार) रही। इससे पहले 12 जुलाई जून 2017 को आईडीबीआई ट्रस्टीशिप सर्विसेज लिमिटेड ने 2510000000 (2 सौ 51 करोड़) का ऋण जारी किया।

आईडीबीआई के एक अन्य ऋण जो 12 जून 2017 को जारी किया गया, इसका मोडिफिकेशन 11 मई 2018 को हुआ। इसकी राशि 621,0000000 (6 सौ 21 करोड़) रही। आईडीबीआई ट्रस्टीशिप सर्विसेज लिमिटेड ने 12 दिसंबर 2016 को जारी किये ऋण को 11 मई 2018 को मोडिफिकेशन किया।.

यह ऋण राशि 3000000000 (तीन सौ करोड़) रही। एक अन्य कंपनी एसबीआईकैप ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड ने 23 अगस्त 2016 को 84 करोड़ 6 लाख का ऋण जारी किया। कंपनी ने ऋण वापिस किया। एसबीआई कैप ने 23 अगस्त 2016 को ही 82 करोड़ करोड़ का एक अन्य लोन जारी किया। एसबीआई कैप ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड ने 23 अगस्त 2016 को फिर से तीसरा लोन जारी किया। राशि 41 करोड़ 56 लाख की रही।

इंडियन बैंक ने भी 31 मार्च 2016 को 10 करोड़, तमिलनाडू मर्केटाइल बैंक लिमिटेड ने 30 मार्च 2016 को 4 करोड़, एसबीआई ने 17 मार्च 2015 को 41 करोड़, इंडियन ओवरसीज बैंक ने 20 फरवरी 2015 को 60 करोड़, तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक लिमिटेड ने 23 दिसंबर 2014 को 48 करोड़, इंडियन बैंक ने 22 सितंबर 2014 को 62 करोड़, तमिलनाडू मर्केंटाइल बैंक लिमिटेड ने 29 मार्च 2014 को 50 करोड़, टाटा क्लीनटेच कैपिटल लिमिटेड ने 19 अगस्त 2013 को 12 करोड़, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 26 अगस्त 2013 को 50 करोड़ 31 लाख तथा विजय बैंक ने 28 मार्च 2013 को 13 करोड़ का ऋण दिया। इसके अतिरिक्त कुछ अन्य करोड़ों की राशि के रहे जो अभी तक वापिस नहीं हुए।

इसी तरह से राजीव कालड़ा के डायरेक्टरशिप वाली अन्य कंपनी किशनगढ़-ब्यावर एनएच-8 टोलवे प्राइवेट लिमिटेड ने सेंट्रल फायनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड से 14 नवंबर 2009 को ऋण लिया था। 12 साल बाद ऋण वापिस नहीं हुआ बल्कि मोडिफिकेशन हुआ। यह राशि 10802100000 (1080 करोड़ 21 लाख) थी। अन्य कंपनी सोमा इंडस वाराणसी औरंगाबाद टोलवे प्राइवेट लिमिटेड ने पीएनबी इनवेस्टमेंट सर्विसेज लिमिटेड से 24 जनवरी 2011 को ऋण लिया था।

इसका मोडिफिकेशन हुआ 8 मार्च 2016 को। लोन राशि 1 सौ करोड़ रुपये रही। दूसरा ऋण भी इसी कंपनी ने 8 मार्च 2016 को जारी किया। इसका मोडिफिकेशन 8 मार्च 2016 को हुआ। लोन की राशि 22400000000 (2 हजार 240 करोड़) रही। पिछले 11 सालों के दौरान लोन लम्बित होने के उपरांत भी नये ऋण मिलने का सिलसिला जारी रहा। हजारों करोड़ के ऋण अगर वापिस नहीं होते हैं तो इसका सीधा असर अन्य व्यवस्थाओं पर पढ़ता है।

लोअर मिडिल क्लास के लिए नयी आवासीय योजना, पट्टाशुदा भूखण्ड मात्र 4.50 लाख में

श्रीगंगानगर। स्वयं का पट्टाशुदा भूखण्ड होने की इच्छा रखने वालों के लिए अच्छी खबर हो सकती है। पुरानी आबादी क्षेत्र में नयी आवासीय योजना विकसित की जा रही है जिसमें मात्र 4 लाख 50 हजार रुपये में पट्टाशुदा भूखण्ड आवंटित किया जायेगा। नगर विकास न्यास से यह योजना जून माह में ही स्वीकृत हो चुकी है।

कॉलोनी डवल्पर नरेश अग्रवाल ने बताया कि पुरानी आबादी के देवनगर इलाके में नयी योजना विकसित की जा रही है। उल्लेखनीय है कि श्री अग्रवाल के पास इससे पहले आनंद विहार जैसी पॉश कॉलोनी को डवल्प करने का अनुभव है। जिस समय वह कॉलोनी डवल्प की जा रही थी उस समय दाम मात्र 1 लाख 60 हजार रुपये रखे गये थे और आज उस कॉलोनी में भूखण्ड की कीमत 50 लाख रुपये से ज्यादा है। इस तरह से वहां पर निवास करने वाले देखते ही देखते लखपति की श्रेणी में स्वयं ही शामिल हो गये।

नयी कॉलोनी चक 6 जैड के मुरब्बा नंबर 6 में विकसित की जा रही है। 8 बीघा में इस कॉलोनी के आसपास का इलाका पूर्व में ही रियाहशी है। बिजली के खंभे लगाये जा चुके हैं। पेयजल की पाइपलाइन का भी कार्य किया जा रहा है। वहीं सीवरेज पाइप लाइन डालने का कार्य भी डवल्पर्स की ओर से किया जा रहा है।

पुरानी आबादी के देवनगर इलाके में दो वार्ड हैं। इस क्षेत्र में अनेक नयी कॉलोनियां विकसित हो चुकी हैं। यह कॉलोनी पार्षद अनूप बाजवा के निवास के नजदीक ही बसायी जा रही है। कॉलोनी में तीन द्वार बनाये जाने का प्रस्ताव है जबकि तीन पार्क पूर्व में ही विकसित कर दिये गये हैं। इस तरह से मात्र 4 लाख 50 हजार रुपये में भूखण्ड जिसका पट्टा भी है, निर्माण कार्य के लिए वित्तीय एजेंसी से ऋण भी आसनी से प्राप्त हो सकता है।

VIASandhyadeep Team
SOURCESatish Beri
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