केन्द्रीय एजेंसियों के सीनियर अधिकारी भी गृह जिले में, होम मिनिस्ट्री पर उठ रहे सवाल?
पाकिस्तान से लगातार भारत की सम्प्रभुता पर हमला कर नशे को सीमा पार से भारतीय क्षेत्र में भेजा जा रहा है। श्रीगंगानगर जिला तो इसका गढ़ बनता जा रहा है। इस स्थिति में पड़ताल करना आवश्यक हो जाता है कि आखिर लापरवाही कहां हो रही है। केन्द्रीय गृहमंत्रालय स्तर पर भी लापरवाही सामने आ रही है।
श्रीगंगानगर। नशा ऐसा जहर है, जो जीवन को धीरे-धीरे खोखला करता है और उसके उपरांत मौत उसको अपने शिंकजे में ले लेती है। उसके प्राणों का हरण कर अपने साथ ले जाती है। पाकिस्तान से लगातार भारत की सम्प्रभुता पर हमला कर नशे को सीमा पार से भारतीय क्षेत्र में भेजा जा रहा है। श्रीगंगानगर जिला तो इसका गढ़ बनता जा रहा है। इस स्थिति में पड़ताल करना आवश्यक हो जाता है कि आखिर लापरवाही कहां हो रही है। केन्द्रीय गृहमंत्रालय स्तर पर भी लापरवाही सामने आ रही है।
पंजाब पिछले काफी सालों से नशे की सप्लाई का गढ़ बना हुआ है। पंजाब सरकार के कुछ चेहरे ऐसे भी रहे, जिनके खिलाफ उनके विरोधी राजनीतिक दल आरोप लगाते रहे कि उन लोगों ने नशे के व्यापार को अपनी आय का जरिया बना लिया। सत्ता परिवर्तन के उपरांत चेहरे बदल गये किंतु हालात में ज्यादा सुधार नहीं हुआ।
वहीं श्रीगंगानगर जिला भी पिछले कुछ सालों के भीतर ऐसा गढ़ गया है, जहां हेरोइन मादक पदार्थ बरामद हो रहा है। श्रीगंगानगर से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा से हेरोइन को ड्रोन के माध्यम से पार करवाया जाता है। अगर एक वरिष्ठ अधिकारी की बातों पर यकीन किया जाये तो पाकिस्तान सेना-आईएसआई-पाक रेंजर्स की यह तिकड़ी अपने ड्रोन तस्करों को उपलब्ध करवाती है और उसके उपरांत हेरोइन को भारतीय क्षेत्र में भेजा जाता है।
‘सांध्यदीपÓ की टीम ने अनेक सप्ताह तक जांच की तो जो सच सामने आया, उसमें यह जानकारी मिली कि लापरवाही हर स्तर पर हो रही है। अगर पानी भी कई दिनों तक एक जगह पर भरा रहे तो उसमें भी दुर्गंध आने लगती है और मच्छर भी पैदा हो जाते हैं जो अनेक रोग को जन्म देते हैं। अगर केन्द्रीय एजेंसियों के सीनियर अफसर की बात की जाये तो उनमें भी अधिकारी सालों से इस जिले में जमे हुए हैं। कई माह नहीं कई साल हो गये। उच्चस्तर पर फेरबदल हुए किंतु इस जिले में अधिकारियों को नहीं छेड़ा गया।
डिजीटल युग से पूर्व भारतीय सेना जब युद्धाभ्यास करती थी तो उस समय मीडिया को भी आमंत्रित किया जाता था और अपने कौशल का परिचय देकर यह विश्वास दिलाया जाता था कि भारतीय सीमाएं सुरक्षित हैं। उस समय पत्रकार रिपोर्टिंग करते हुए ‘पश्चिम के एक स्थल सेÓ डेटलाइन का उल्लेख करते थे। उस समय संबंधित स्थान को प्रदर्शित नहीं किया जाता था।
अब डिजीटल युग में जब चाइना और अमेरिका सहित दुनिया के अनेक देश अपने सैटेलाइट के माध्यम से भारत ही नहीं अपितु पूरे विश्व के एक-एक पल पर नजर रखते हैं। उस समय पत्रकारिता के दौर में भी परिवर्तन आया है और अब लिखा जाने लगा है कि महाजन के फील्ड फायरिंग रेंज में युद्धाभ्यास हो रहा है।
इसी तरह से अब भारतीय केन्द्रीय एजेंसियों के बारे में भी कुछ जानकारी हासिल करनी हो तो वह मीडिया से ज्यादा इंटरनेट उपलब्ध करवा देता है। खुफिया एजेंसियां दावा करती हैं कि उनके बारे में जानकारी गुप्त होती है किंतु अनेक एजेंसियों के बारे में जानकारी इंटरनेट की अनेक वेबसाइट पर उपलब्ध है। इन्हीं कुछ एजेंसियों के अधिकारी या तो कई सालों से इस जिले में हैं अथवा वे अपने गृह जिले में हैं। वहीं बीएसएफ के डीआईजी जो शीर्ष रैंक है, वे भी अपने गृह जिले में हैं। इस तरह से अपने गृह जिले में अर्थात अपने घर पर जब उच्चस्तर का अधिकारी होता है तो वह अपने पुराने मित्रों की नजरों से दूर नहीं रह सकता।
इसी तरह से राज्य सरकार की खुफिया एजेंसियों का हाल हैं। इस एजेंसी के भी अधिकारी सालों से या अपने गृह जिले में हैं। कागजों में भले ही अन्य जिला प्रदर्शित किया हो लेकिन वास्तव में उनके परिवार, उनका घर, उनकी शिक्षा इसी जिले में हुई है। इस तरह से गृह जिले में नियुक्त अधिकारी जिसकी पुरानी जान-पहचान भी है।
डेढ़ किलो हेरोइन सहित गिरफ्तार
श्रीगंगानगर। श्रीगंगानगर जिले में चार लोगों को हेरोइन सहित गिरफ्तार किया गया है। हेरोइन की मात्रा डेढ़ किलो बतायी गयी है। तस्करों के कब्जे से एक बाइक भी बरामद हुई है। पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार दलीप, राजीव, छिन्द्रपालसिंह और राजपाल को गिरफ्तार किया गया है। उसके कब्जे से डेढ़ किलो हेरोइन मादक पदार्थ बरामद हुआ। चारों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्यवाही की गयी। यह कार्यवाही समेजा कोठी थाना क्षेत्र में की गयी है।