श्रीगंगानगर (टीएसएन)। नगर परिषद की बोर्ड बैठक गुरुवार को आहूत की गयी थी। बैठक का निर्धारित समय 12 बजे थे और कुछ क्षण पहले कार्यवाहक आयुक्त ने बैठक स्थगित होने की जानकारी दी। बैठक स्थगित होने का कारण यह बताया गया कि विधायक और सांसद को इसकी सूचना नहीं दी जा सकी थी।
राजस्थान के प्रमुख जिलों में शामिल श्रीगंगानगर के नगर परिषद की बोर्ड अन्तिम बैठक मार्च 22 में आयोजित हुई थी। राजस्थान नगर निकाय अधिनियम के अनुसार एक वर्ष में कम से कम चार बैठकों का आयोजन आवश्यक है किंतु इन नियमों की पालना करवाने की जिम्मेदारी को न तो सत्तापक्ष और न ही विपक्ष के पार्षदों ने ईमानदारी से निभाया। नतीजा यह रहा कि शहर में होने वाले विकास और अन्य कार्यों में भ्रष्टाचार के आरोप तो लगे किंतु इन पर नगर परिषद बैठक में चर्चा नहीं हो पायी। कुछ पार्षदों ने शोर भी मचाया किंतु जांच के बाद दोषी लोगों को सजा मिल सके, इसके लिए वे भी पूर्ण प्रयास नहीं कर पाये।
नगर परिषद बोर्ड बैठक गुरुवार को आहूत की गयी थी और करीबन एक सप्ताह इसकी सूचना सभी पार्षदों को मिल गयी थी। एक पार्षद ने बताया कि फरवरी के अन्तिम सप्ताह में उनके पास यह जानकारी थी कि बोर्ड बैठक 2 मार्च को आयोजित होनी है। वहीं नगर परिषद के आयुक्त, सभापति करुणा चांडक, नगर परिषद की बागडोर पर्दे के पीछे संभालने वाले अशोक चांडक को भी यह इल्म था कि सरकार ने विधानसभा का बजट सत्र आहूत किया हुआ है जो 10 मार्च तक चलेगा।
इन तथ्यों की जानकारी होने के उपरांत भी 2 मार्च को बजट बैठक बुलायी गयी। वहीं नगर परिषद का बजट पारित होने से पहले ही सार्वजनिक हो गया था और परिषद की पतली हालत की जानकारी भी आम लोगों तक पहुंच गयी थी। इस कारण आयुक्त, सभापति और उनके प्रतिनिधि अशोक चांडक सब बैकफुट पर आ गये थे। उनके मुंह से बोल नहीं फूट रहे थे।
अगर ध्यान दिया जाये तो पिछले 8 सालों से भी अधिक समय से नगर परिषद के बोर्ड पर चांडक परिवार ने धन-बल के आधार पर कब्जा किया हुआ है और इन दो कार्यकाल के दौरान एक हाथ पर अंगुलियों पर गिनने लायक ही बैठकें हो सकीं थीं। जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी तो उस समय चांडक परिवार भाजपाई था और 2018 के विधानसभा चुनावों से पहले यह परिवार कांग्रेस में शामिल हो गया। अब 2023 के इलेक्शन नजदीक आ रहे हैं तो यही परिवार कांग्रेस से क्या मिला है, इसकी समीक्षा कर रहा है।
हालांकि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में चांडक परिवार को विधानसभा चुनावों के लिए टिकट मिली। नगर परिषद सभापति का पद मिला। पिछले दिनों कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक में अशोक चांडक ने कहा कि उनका परिवार 2 करोड़ की राशि पार्टी के कार्यों पर खर्च कर चुका है।
दूसरी ओर नगर परिषद की नेता प्रतिपक्ष एवं भाजपा पार्षद बबीता गौड़ ने आरोप लगाया है कि सभापति करुणा चांडक पार्षदों की आवाज का सामना नहीं करना चाहती थीं और बजट को डीएलबी के माध्यम से पारित करवाये जाने की मंशा के चलते निर्धारित समय से पहले बैठक को स्थगित कर दिया गया। उन्होंने कहा कि कोटेशन घोटाला और कुत्तों की नसबंदी घोटाला श्रीगंगानगर की जनता को याद है। 48 लाख खर्च करने के बावजूद शहर की जनता को आवारा कुत्तों से नजात नहीं दिलायी जा सकी। उनकी नसबंदी की जानी थी किंतु इन श्वान की संख्या में बढ़ोतरी होती जा रही है। इस मामले की शिकायतें राज्य सरकार स्तर पर की गयी हैं किंतु नतीजा नहीं निकल सका है। वहीं नगर परिषद सभापति बोर्ड बैठक की सूचना विधायक और सांसद को नहीं दिये जाने के पीछे कुछ कर्मचारियों की लापरवाही की भूमिका मानता है।
किसानों के पक्का मोर्चा बनाने से पहले प्रशासन बैकफुट पर, किसानों की मांगें मानी
श्रीगंगानगर (टीएसएन)। किसान संगठनों ने गंगनहर में 25 सौ क्यूसेक पानी दिये जाने की मांग को लेकर पंजाब-श्रीगंगानगर हाइवे पर साधुवाली के निकट धरना आरंभ कर दिया। धरने के कारण अनेक घंटों तक वाहनों का लम्बा जाम लगा रहा और पुलिस वैकल्पिक मार्गों से वाहनों को निकालने का प्रयास करती हुई नजर आयी। शाम को प्रशासन बैकफुट पर आ गया और किसानों की मांगों पर सहमति दे दी।
गंगनहर में पर्याप्त पानी दिये जाने और रोजाना होने वाले उतार-चढ़ाव को रोकने की मांग करते हुए एक आमसभा गुरुद्वारा सिंह सभा में की थी। इसमें किसानों ने प्रशासन से मिलकर अपनी मांगों से अवगत करवाने का निर्णय लिया था। किसान प्रदर्शन करते हुए कलक्टरी पर पहुंचे और वहां पर डीएम से मुलाकात करने के लिए संदेश भी भेजा किंतु जिला कलक्टर ने गंगनहर के अधीक्षण अभियंता और एसडीएम को वार्ता के लिए भेज दिया। डीएम से सीधे वार्ता नहीं होने के कारण किसानों ने 2 मार्च को पक्का मोर्चा लगाने का ऐलान कर दिया था। साधुवाली के निकट पंजाब जाने वाले मार्ग पर किसानों ने प्रात:काल से ही धरना आरंभ कर दिया था और वहां एक किसान सभा भी आयोजित की गयी। किसान सभा को अनेक वक्ताओं ने संबोधित किया और कहा कि अगर किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिला तो फसलों का पकाव कैसे होगा? सरकार और प्रशासन बात सुनने को तैयार नहीं है। किसानों ने एकता का आह्वान किया। वहीं प्रशासन के साथ वार्ता का दौर भी आरंभ हो गया और शाम को दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हो गये कि मार्च माह में 2 हजार क्यूसेक पानी उपलब्ध करवाया जायेगा। सभी किसानों को पर्याप्त पानी मिले, इसकी व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी। किसानों ने वार्ता के उपरांत धरने को स्थगित कर दिया।
बोर्ड एग्जाम का तनाव नहीं झेल पायी छात्रा, सुसाइड
जयपुर। राजस्थान के दौसा जिले में एक छात्रा दसवीं बोर्ड के एग्जाम के तनाव को नहीं झेल पायी। वहीं अपनी परीक्षा तैयारियों से संतुष्ट नहीं थी और इस कारण अल्पायु में ही उसने आत्महत्या कर ली। छात्रा की आत्महत्या के उपरांत एक बार पुन: शिक्षा प्रणाली पर सवाल खड़े हो गये हैं।
मिली जानकारी के अनुसार लालसोट थाना क्षेत्र में खुशबू नामक 15 वर्षीय बालिका ने आत्महत्या कर ली। उसके पास से सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें उसमें लिखा है, वह 95 प्रतिशत से ज्यादा नंबर नहीं ला सकती और वह परेशान हो गई है। छात्रा के आत्महत्या से पूर्व कोटा में नीट व इंजीनियरिंग परीक्षाओं की तैयारी करने वाले कम से कम तीन छात्रों ने पिछले कुछ दिनों के दौरान आत्महत्या की है। इस तरह से बच्चों पर बढ़ते शैक्षिक तनाव का प्रमाण मिलता है। हालांकि पीएम परीक्षा पे चर्चा नामक कार्यक्रम का भी आयोजन कर रहे हैं किंतु जो नंबरों की रेस चल रही है, उसके कारण बच्चों के मानसिक, शारीरिक विकास पर भी व्यापक असर देखने को मिल रहा है, जिसका आत्महत्या जैसे कदमों के रूप में सामने आ रहा है।
गैंगस्टर पर नियंत्रण के लिए सरकार ने राकोका का मसौदा किया तैयार, कैबिनेट की मंजूरी
जयपुर। राज्य सरकार मौजूदा विधानसभा सत्र के दौरान ही संगठित अपराधियों पर नकेल कसने के लिए नया कानून ला रही है। हालांकि इसका मसौदा तैयार हो गया है और बुधवार को कैबिनेट की बैठक में इसको मंजूरी भी मिल गयी है। भारतीय दंड संहिता में संगठित अपराध की रोकथाम के लिए अंग्रेजी हुकूमत ने धारा 120 बी का सृजन किया हुआ है, जिसमें किसी भी तरह के अपराधि की साजिश में शामिल होने पर आरोपी को उसी तरह की सजा का प्रावधान है, जिस तरह से मुख्य आरोपी को सजा मिलती है। इस तरह से संगठित अपराध पर अंकुश लगाने के लिए पूर्व में सरकार के पास प्रावधान है।
वहीं अब सरकार एक नया कानून ला रही है, इसका नाम राजस्थान कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम बिल-2023 रखा गया है। पिछले कुछ समय के दौरान गैंगवार में बढ़ोतरी के बाद सरकार यह बिल ला रही है। हालांकि सीएम पिछले चार सालों से इस बिल पर चर्चा कर रहे हें और करीबन तीन साल पहले पंजाब में उत्तरी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक के दौरान भी संगठित अपराध पर नियंत्रण के लिए बिल लाने की जानकारी अशोक गहलोत ने दी थी। उस बिल का मसौदा अब चुनावी साल में सामने आया है।
महाराष्ट्र में संगठित अपराध पर नियंत्रण के लिए मकोका का प्रावधान किया गया है, उसी तरह का यह बिल बताया जा रहा है। जो जानकारी मिली है, उसमें बताया गया है, राकोका के केस की सुनवाई के लिए अलग से कोर्ट होगा। डीएसपी स्तर का अफसर ही राकोका में केस दर्ज करेगा। वहीं जिस अपराधी के खिलाफ पिछले 10 साल में एक से ज्यादा चार्जशीट पेश की गई हो और कोर्ट ने उस पर संज्ञान लिया हो ऐसे अपराधियों को राकोका के दायरे में लिया जाएगा। ध्यान देने योग्य बात यह भी है कि अवैध लॉटरी का कारोबार संगठित अपराध के तौर पर पूरे राजस्थान में हो रहा है, किंतु इनके मुखिया के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का साहस पुलिस बल नहीं जुटा पाता है क्योंकि ऐसे लोगों की अप्रोच न केवल राज्य सरकार बल्कि पीएचक्यू के वरिष्ठ अधिकारियों तक होती है। सरकारी लॉटरी को भैरोंसिंह शेखावत 25 साल पहले ही बंद कर चुकी है और इसके बाद यह कारोबार फलता-फूलता हुआ हजारों करोड़ के टर्नओवर वाला हो गया है।
पदमपुर में व्यापारी के मुनीम से लूट, नाकाबंदी
पदमपुर। श्रीगंगानगर जिले के पदमपुर थाना क्षेत्र में एक कारोबारी के मुनीम से लूट का मामला सामने आया है। जानकारी मिलने के उपरांत नाकाबंदी भी करवाये जाने की सूचना मिली है। हासिलशुदा जानकारी के अनुसार किराना यूनियन के अध्यक्ष और चीनी गुड़ के थोक विक्रेता चरणजीत अरोड़ा के मुनीम सुभाष राजपूत गुरुवार शाम कलेक्शन करने के बाद दुकान की तरफ लौट रहा था। लोहा मार्केट के नजदीक मोटरसाइकिल सवार तीन युवकों ने उसका नोटों से भरा बैग छीन लिया। बैग छीनने की जानकारी मिलते ही उसने शोर मचाया लेकिन तब तक बदमाश रुपए लेकर फरार हो चुके थे। बैग में पचास हजार से ज्यादा रुपए होने का अनुमान है।
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अजनाला कांड : खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह पर शिकंजा कसने की तैयारी, सीआरपीएफ की 18 कंपनियां होंगी तैनात
केन्द्र सरकार का बड़ा फैसला, पंजाब सरकार पूर्व में अमृतसर कमीश्रर सहित कई अधिकारियों का कर चुकी है फैसला
अमृतसर (टीएसएन)। अमृतसर के अजनाला पुलिस थाना पर सैकड़ों पुलिस कार्मिकों की उपस्थिति के बावजूद खालीस्तानी नेता अमृतपाल सिंह ने पुलिस थाना पर कब्जा कर लिया था। उसके समर्थक हाथों में हथियारबंद होकर पहुंचे थे और पुलिसकर्मी कानून-व्यवस्था बनाये रखने में कामयाब नहीं हो सके। स्वयंभू पंथक उपदेशक अमृतपालसिंह ने पंजाब पुलिस के समक्ष अपनी शर्तों को रखा और पुलिस ने उन शर्तों की तुरंत पालना करने के लिए सहमति भी दे दी। अगले दिन अमृतपाल सिंह का समर्थक तूफान सिंह लवली जेल से रिहा हो गया। इस पूरे घटनाक्रम के कारण देश-दुनिया का ध्यान पंजाब की ओर केन्द्रित हो गया था। अब पंजाब में इस तरह की पुन: घटना नहीं हो। कानून व्यवस्था मजबूत हो, इसके लिए केन्द्र सरकार सीआरपीएफ की 18 कंपनियों को तैनात करेगा। इसमें दंगा रोगी यूनिट भी शामिल है जो तुरंत कार्यवाही करने में सक्षम है।
एजेंसियों से प्राप्त इनपुट के अनुसार केन्द्र सरकार ने अजनाला की घटना को बहुत ही गंभीरता से लिया है। 6 जिलों की पुलिस कार्मिकों को खदेडऩे के उपरांत खालिस्तानी विचारधारा का विस्तार करने की सोच रखने वाले अमृतपालसिंह ने अपने हजारों हथियारबंद समर्थकों के साथ अजनाला पुलिस थाना पर कब्जा कर लिया था। पुलिस कार्मिक इस पूरे मसले में स्वयं को एक मजबूत आतंरिक सुरक्षा एजेंसी के रूप में स्थापित करने में विफल रहे। हालांकि जब घटनाक्रम हुआ, उस समय अनेक आईपीएस अधिकारी मौजूद थे और इनका नेतृत्व आईजीपी जसकरणसिंह कर रहे थे जो अमृतसर पुलिस के आयुक्त (कमीश्रर) भी थे। पुलिस ने अमृतपालसिंह की मांगों के समक्ष स्वयं को सरेंडर कर दिया। अपहरण और मारपीट का एक आरोपी जेल में बंद था और दूसरा मुख्य आरोपी अमृतपालसिंह पुलिस कमीश्रर के सामने बैठा था। वह बात कर रहा था और पुलिस ने न तो अमृतपालसिंह को गिरफ्तार किया और उसकी मांगों पर भी सहमति दे दी। अमृतपालसिंह के साथी को जेल से रिहा कर दिया गया।
पंजाब पुलिस एक असहाय सुरक्षा एजेंसी के रूप में देश के सामने नजर आयी। पंजाब पुलिस ने हालांकि डैमेज कंट्रोल करने के लिए प्रयास भी किये और महानिदेशक गौरव यादव ने प्रदेश के 400 से अधिक पुलिस थानों के एसएचओ से सीधा संवाद किया। वर्चुअल कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उन्होंने कानून व्यवस्था मजबूत करने के लिए आदेशित किया। सभी जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, आयुक्त सहित अन्य उच्चाधिकारी भी उपस्थित थे।
वहीं केन्द्र सरकार ने इस पूरे मसले पर राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब कर ली। उधर राज्य सरकार ने अमृतसर के पुलिस आयुक्त जसकरणसिंह को हटा दिया। उन्हें नॉन फिल्ड पोस्टिंग दे दी गयी। नौनिहाल सिंह को नया आयुकत बनाया गया।
आईजी क्राइम और एडीजी लॉ एण्ड ऑर्डर भी बदले गये
अजनाला कांड के कारण पंजाब सरकार और पुलिस दोनों जनता के सामने सवालों के घेरे में आ गये थे। सरकार ने प्रदेश की कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए कानून व्यवस्था के अतिरिक्त महानिदेशक को भी बदल दिया। वहीं अपराध नियंत्रण के लिए आईजी क्राइम के पद पर भी नयी नियुक्ति कर दी गयी। इससे पहले नवंबर 2022 में सुधीर सूरी नामक हिन्दूवादी नेता की भी पुलिस पहरे में ही हत्या कर दी गयी थी। उस समय भी पंजाब पुलिस के आयुक्त को बदल दिया गया था।
प्रमोटी आईपीएस पर सरकार को ज्यादा भरोसा
राज्य सरकार प्रमोटी आईपीएस पर ज्यादा भरोसा करती हुई दिख रही है। पंजाब पुलिस में हाल में अनेक महत्वपूर्ण पदों और अनेक जिलों की कमान प्रमोटी आईपीएस के हाथों में दी हुई है जबकि सीधे आईपीएस अधिकारियों को अन्य स्थानों पर नियुक्त किया हुआ है। माना जाता है कि डायरेक्ट आईपीएस अधिकारी विधायकों की बातों को गंभीरता से नहीं लेते। वहीं पंजाब पुलिस सेवा से पदोन्नत होकर आईपीएस बनने वाले अधिकारी स्थानीय नेताओं आदि के सम्पर्क में रहते हैं।
खुफिया एजेंसियों की नजर रहेगी अमृतपाल पर
एक संवाद सेवा के अनुसार खुफिया एजेंसियों को केन्द्र सरकार से आवश्यक दिशा-निर्देश प्राप्त हो चुके हैं। स्वयंभू पंथक उपदेशक अमृतपालसिंह को वित्त पोषित करने वालों पर भी नजर रखी जा रही है। माना जा रहा है कि अमृतपालसिंह के अनेक सोशल मीडिया एकाउंट विदेश से संचालित हो रहे हैं। अमृतपालसिंह के सम्पर्क में रहने वाले लोगों को भी चिन्हित किया जा रहा है। वहीं गुरुवार को नई दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह के साथ मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की बैठक हुई। केन्द्र सरकार ने पंजाब के हालात पर नाखुशी जाहिर की और 18 सीआरपीएफ कंपनियां तैनात करने का निर्णय लिया। इनमें दंगा रोधी यूनिट भी शामिल हैं जो किसी भी घटना पर तुरंत कार्यवाही करने में सक्षम हैं। सीएम ने कहा है कि कानून-व्यवस्था मजबूत करने के लिए केन्द्र और राज्य सरकार मिलकर काम करेंगे।
अमृतपालसिंह चाहता है भिंडरांवाला 2.0 की छवि
हाल ही में चर्चा का केन्द्र बने अमृतपालसिंह अपनी छवि को भिंडरावाला 2.0 की छवि बनाना चाहता है। युवाओं को ब्रेन वॉश करने का भी प्रयास कर रहा है और खालिस्तान के समर्थन में खुलकर अपने बयान दे रहा है। माना जा रहा है कि उसको कुछ राजनीतिक दलों का भी समर्थन है। अब एजेंसियां उसके सभी लिंक को खंगालकर सरकार को रिपोर्ट देने का प्रयास कर रही हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के प्रावधान में बदलाव चाहता है सुप्रीम कोर्ट
संगीता वर्मा
नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय मौजूदा चुनावी व्यवस्था में बदलाव के लिए पेश की गयी याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन की प्रक्रिया में प्रधानमंत्री के साथ-साथ मुख्य विपक्षी दल के नेता और सीजेआई को भी शामिल किया जाये। शीर्ष अदालत के इस फैसले का मतलब यह है कि मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति अब केंद्र सरकार की सिफारिश पर नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश की एक समिति की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी।
न्यायमूर्ति के एम जोसेफ, न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी, न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस, न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से यह फैसला सुनाया। याचिकाकर्ताओं ने मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए एक स्वतंत्र तंत्र स्थापित करने संबंधी आदेश देने की की गुहार लगाई थी। न्यायमूर्ति जोसेफ की अध्यक्षता वाली पीठ ने संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत चुनाव आयोग की नियुक्ति की प्रक्रिया में कमी का उल्लेख करते हुए कहा कि चुनाव आयोग को कार्यपालिका के सभी प्रकार के हस्तक्षेप से अलग रहना चाहिए। पीठ ने कहा कि लोकतंत्र को जोडऩा तभी सफल हो सकता है, जब सभी हितधारक लोगों की इच्छा को प्रतिबिंबित करने के लिए चुनाव प्रक्रिया की शुद्धता बनाए रखने के लिए काम करें। पीठ ने कहा कि राज्य के प्रति दायित्व की स्थिति में एक व्यक्ति की स्वतंत्र सोच नहीं हो सकती है। शीर्ष अदालत ने एनजीओ – एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स, अश्विनी कुमार उपाध्याय, अनूप बरनवाल और डॉ. जया ठाकुर की याचिका पर अपना यह फैसला दिया।
अडाणी समूह की सेबी जांच करे : सुप्रीम कोर्ट
सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से पूर्व तीन दिनों में अडाणी की नेटवर्थ में करीबन 5 बिलियन डॉलर्स की बढ़ोतरी
नई दिल्ली (संगीता वर्मा)। अडाणी समूह के शेयर्स में हुए भारी उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए सुनवाई करते हुए भारत की शीर्ष अदालत ने बाजार नियामक संस्था सेबी से विस्तृत जांच के लिए आदेश दिया है। वहीं अडाणी समूह ने भी अदालत के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। दूसरी ओर अदालत के फैसला आने से पूर्व मंगलवार से लेकर गुरुवार तक तीन दिनों के भीतर ही करीबन पांच बिलियन डॉलर की नेटवर्थ में बढ़ोतरी के साथ गौतम अडाणी दुनिया के टॉप-30 में पुन: शामिल हो गये हैं।
सेबी पहले से ही अमेरिकी लघु विक्रेता हिंडनबर्ग रिसर्च की 24 जनवरी की रिपोर्ट की जांच कर रहा है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि अडानी समूह ने अपतटीय टैक्स हेवन का अनुचित तरीके से इस्तेमाल किया और शेयरों में हेरफेर किया। अडानी समूह द्वारा किसी भी तरह के गलत काम से इनकार करने के बावजूद सात सूचीबद्ध अडानी समूह की कंपनियों के मूल्य में लगभग 130 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है।
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने सेबी से कहा, ‘क्या संबंधित पक्षों के साथ लेन-देन का खुलासा करने में विफल रहा हैÓ, ‘क्या स्टॉक की कीमतों में कोई हेरफेर किया गया थाÓ और क्या सार्वजनिक शेयरधारिता नियमों का उल्लंघन किया गया है, इसकी जांच कर रिपोर्ट पेश की जाये। हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया है कि विदेशी संस्थाएं और शेल कंपनियां अडानी समूह से जुड़ी हुई थीं और सार्वजनिक शेयरधारिता पर भारत के नियमों का उल्लंघन करते हुए इसकी सूचीबद्ध फर्मों में गुप्त रूप से स्वामित्व वाली स्टॉक थीं।
पूर्वोत्तर के लोगों ने विकास का साथ दिया : मोदी
नई दिल्ली (वेद बुद्धिराजा)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्वोत्तर के तीनों राज्यों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एवं उसकी सहयोगी पार्टियों को चुनावी जीत हासिल होने पर नागालैंड, त्रिपुरा एवं मेघालय की जनता का आभार जताया और कहा कि यह दर्शाता है कि पूर्वोत्तर के लोगों को यह अहसास है कि अब उनकी उपेक्षा नहीं होती। श्री मोदी ने भाजपा के मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं के अभिनंदन समारोह में शिरकत करते हुए यह बात कही। अभिनंदन समारोह की अध्यक्षता पार्टी के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने की। श्री मोदी ने लोगों से मोबाइल फोन पर लाइट जलाने की अपील की और कहा, ‘आपने जो मोबाइल फोन के माध्यम से प्रकाश फैलाया है, ये पूर्वोत्तर के नागरिकों का सम्मान है, पूर्वोत्तर के देशभक्ति का सम्मान है, प्रगति के रास्ते पर जाने का सम्मान है। ये प्रकाश उनके सम्मान में है, उनके गौरव में है। आप सभी का मैं धन्यवाद करता हूं।Ó उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में भाजपा मुख्यालय ऐसे अनेक अवसरों का साक्षी बना है। आज हमारे लिए जनता जनार्दन को विनम्रता से नमन करने का एक और अवसर आया है। इसके लिए त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड की जनता का अभिनंदन है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का संतोष है कि प्रधानमंत्री के कार्यकाल में बार-बार पूर्वोत्तर जाकर वह लोगों के दिलों को जीतने में सफल रहे हैं और यही उनके लिए सबसे बड़ी जीत है। उन्हें इस बात का संतोष भी है कि पूर्वोत्तर के लोगों को यह अहसास हो रहा है कि अब उनकी उपेक्षा नहीं होती।
श्री मोदी ने कहा, ऐसे विशेष शुभचिंतक भी हैं, जिन्हें यह सोच-सोच कर सिर में दर्द भी होता है कि बीजेपी की जीत का राज क्या है। लेकिन मैं ऐसे हर शुभचिंतक को बीजेपी की सफलता का रहस्य बताना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि भाजपा के विजय अभियान का रहस्य छिपा है ‘त्रिवेणीÓ में। इसकी पहली शक्ति हैं- भाजपा सरकारों के कार्य, दूसरी शक्ति है- भाजपा सरकारों की कार्य संस्कृति, तीसरी शक्ति है- भाजपा कार्यकर्ताओं का सेवा-भाव।
श्री मोदी ने कहा, ‘ऐसे समय में कुछ लोग मोदी की कब्र खोदने में ख्वाहिश कर रहे हैं। लेकिन जहां मौका पड़ता है कमल खिलता ही जा रहा है…खिलता ही जा रहा है। कुछ लोग कट्टर की पहचान में लगे हुए हैं..वो बेइमानी भी कट्टरता से करते हैं। ये कट्टर लोग कहते हैं- मर जा मोदी…मर जा मोदी…देश कह रहा है मत जा मोदी।Ó