श्रीगंगानगर में गेहूं खरीद : व्यापारी खेतों तक पहुंचे, एफसीआई के अधिकारी मंडियों से भी गायब

युद्ध के कारण मांग के मुकाबले सप्लाई गड़बड़ा गयी तो पश्चिमी देशों ने भारत की ओर रुख किया। भारत से निर्यात की मांग ज्यादा होने लगी और सरकार ने भी गेहूं खरीद व्यवस्था के मुकाबले व्यापारियों को निर्यात करने की नीति को अपना लिया। यही कारण रहा कि बाजार की स्थिति को देखते हुए गेहूं खरीद के लिए एमएसपी को बढ़ाने का निर्णय ही नहीं लिया गया।

0
7

श्रीगंगानगर। सरकारी स्तर पर गेहूं खरीद का सीजन इस समय जोरों पर होना चाहिये था किंतु श्रीगंगानगर में केन्द्रीय खरीद एजेंसी एफसीआई के अधिकारी धानमंडी से ही लापता हैं। लगभग 600 एमटी की खरीद का लक्ष्य रखने वाली सरकारी खरीद 100 एमटी तक भी पहुंच पायेगी, यह भी आशंका मजबूत हो रही है। व्यापारियों की पौ बारह पच्चीस हो रही है। कांदला बंदरगाह पर अभी भी दाम 2500 या इसके आसपास बना हुआ है। बंदरगाह पर ट्रकों की लाइन लगी हुई है।

 

श्रीगंगानगर की दाल मिल में आग, पीलीबंगा में व्यापारी के घर पर लूट

राजस्थान का श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ जिला गेहूं उत्पादन में प्रदेश के अन्य जिलों में अधिक सम्पन्न माने जाते हैं। यहां पर सिंचाई पानी के रूप में इंदिरा गांधी, भाखड़ा, सिद्धमुख और गंगनहर परियोजाएं संचालित होती हैं। इन सभी परियोजनाओं में पानी पंजाब-हरियाणा से दोनों जिलों तक पहुंचता है।

एफसीआई के एक अधिकारी ने बताया कि इस बार एमएसपी के मुकाबले व्यापारी स्तर पर दाम ज्यादा हैं। इस कारण किसान सीधे व्यापारियों को फसल बेच रहे हैं।

गेहूं खरीद इस बार धानमंडी के व्यापारियों के लिए बड़ा तोहफा लेकर आयी है। रूस-युक्रेन युद्ध के कारण इन दोनों देशों से गेहूं का निर्यात नहीं हो पा रहा है। वैश्विक स्तर पर देखा जाये तो सबसे बड़ा निर्यातक देश रूस है जबकि यूक्रेन टॉप पांच में स्थान रखता है।

युद्ध के कारण मांग के मुकाबले सप्लाई गड़बड़ा गयी तो पश्चिमी देशों ने भारत की ओर रुख किया। भारत से निर्यात की मांग ज्यादा होने लगी और सरकार ने भी खरीद व्यवस्था के मुकाबले व्यापारियों को निर्यात करने की नीति को अपना लिया। यही कारण रहा कि बाजार की स्थिति को देखते हुए खरीद के लिए एमएसपी को बढ़ाने का निर्णय ही नहीं लिया गया।

 

श्रीगंगानगर की दाल मिल में आग, पीलीबंगा में व्यापारी के घर पर लूट

अगर एमएसपी को बढ़ाने का निर्णय लिया गया होता तो निश्चित रूप से बाजार में सरकारी स्तर पर भी खरीद ज्यादा होती। वहीं एक किसान का यह भी कहना है कि एफसीआई के अधिकारी तो श्रीगंगानगर जिले की धानमंडियों में नजर ही नहीं आते।

इस बार खुली बिक्री की छूट अधिकारियों ने भी पर्दे के पीछे से दे दी है।

रसद विभाग के अनुसार श्रीगंगानगर में सरकारी खरीद दर 2025 रुपये प्रति क्विंटल रखी गयी है। वहीं बाजार में भाव 22 सौ से 2350 अथवा इसके आसपास बना हुआ है।

कांदला बंदरगाह पर भाव 2500 रुपये प्रति क्विंटल

वहीं कांदला बंदरगाह पर भाव 2500 रुपये प्रति क्विंटल है। इस तरह से व्यापारी ज्यादा से ज्यादा खरीद करना चाहते हैं। पहले सरकारी खरीद के कारण व्यापारियों को आढ़त के रूप में कमीशन ही प्राप्त होता था। इस बार किसानों को ज्यादा भाव मिल रहा है तो इसका लाभ सीधे तौर पर व्यापारियों को हो रहा है।
सरकार की नीति क्या है?
एक तरफ जहां गेहूं को एक्सपोर्ट करने के लिए व्यापारियों में कशमकश चल रही है तो दूसरी ओर हालात यह हैं कि सरकारी खरीद न के बराबर हो रही है। एफसीआई के अधिकारी ने बताया कि श्रीगंगानगर के मुकाबले हनुमानगढ़ में ज्यादा खरीद हुई है किंंतु लक्ष्य से बहुत कम है। दूसरी ओर सरकार का दावा है कि वह बाजार में गेहूं की उपलब्धता को लगातार बनाये रखेगा। सरकार ने जहां प्रधानमंत्री अन्न वितरण योजना को आगामी सितंबर माह तक बढ़ा दिया है। इस तरह से सरकारी दावे किये जा रहे हैं कि गेहूं के दाम नियंत्रण से बाहर नहीं जायेंगे जबकि हालात यह है कि नयी फसल आने के उपरांत भी आटा का दाम लगातार बढ़ता जा रहा है। जैसे-जैसे दिन व्यतीत होते चले जायेंगे, वैसे-वैसे दाम और बढ़ते जायेंगे। दूसरी ओर यह भी जानकारी सामने आ रही है कि व्यापारी सीधे खेतों में पहुंचकर वहीं से गेहूं का उठाव कर रहे हैं ताकि किसानों को मंडी तक आने की आवश्यकता नहीं हो। ऐसे व्यापारी गेहूं का भंडारण कर रहे हैं।
क्या कहते हैं श्रीगंगानगर के व्यापारी
श्रीगंगानगर जिले में इस बार सरकार पर्याप्त मात्रा में गेहूं की सरकारी खरीद नहीं कर पायेगी। इसका कारण बाजार और सरकारी दर में अंतर है। विश्वस्तर पर मांग ज्यादा है। वहीं दोनों ही जिलों में उत्पादन भी इस बार कम रहा है।
मनोज गुप्ता ‘सोनूÓ, नंदलाल महावीर प्रसाद, नई धानमंडी, श्रीगंगानगर

गेहूं खरीद की व्यवस्था तो ठीक है उठाव को लेकर परेशानी सामने आ रही है। उठाव की प्रक्रिया को तेज करने की आवश्यकता अनुभव हो रही है।
– देवेन्द्र अग्रवाल, प्रमुख व्यापारी, नई धानमंडी, श्रीगंगानगर

VIASandhyadeep Team
SOURCESandhyadeep Team
Previous articleश्रीगंगानगर की दाल मिल में आग, पीलीबंगा में व्यापारी के घर पर लूट
Next articleबाजार में आटा का भाव बढ़ रहा है, श्रीगंगानगर में एनएफएस में पात्र लोग भटक रहे हैं

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here