ब्रह्मOS के 29 दिनों बाद पाकिस्तान में सरकार भी गिर गयी!
पाकिस्तान में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ ने रविवार को पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी से मुलाकात कर देश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की। शहबाज ने नये प्रधानमंत्री को चुनने के लिए संसद के महत्वपूर्ण सत्र से पहले इन दोनों नेताओं से मुलाकात की।
न्यूयार्क/इस्लामाबाद/नईदिल्ली। नौ मार्च 2022 की शाम को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत और राजधानी इस्लामाबाद में तेज धमाके की आवाज सुनाई दी थी किंतु इस पर दो दिन तक कोई सरकारी प्रतिक्रिया नहीं आयी थी। 11 मार्च को पाकिस्तान की सेना और विदेश मंत्रालय ने माना कि भारत की ब्रह्मOS मिसाइल उनके इलाके में आकर गिरी थी।
इसके मात्र 29 दिनों बाद स्वयं को विश्वस्तरीय नेता बनाने का ख्वाब देख रहे प्रधानमंत्री इमरान खान रात को पीएम आवास छोडऩे को मजबूर हो गये। जिस जनरल कमर जावेद बाजवा को उन्होंने तीन साल का सेवाकाल बढ़ाया था, वह भी उनके समर्थन में नहीं आये। तीन साल से ज्यादा वक्त तक तोते की तरह पाकिस्तान में काम करने वाली न्यायपालिका के स्वर भी बदल गये।
नौ अप्रेल 2022 की रात को इमरान खान पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री बन गये थे। संसद में अविश्वास प्रस्ताव के जरिये उनको हटा दिया गया और वे इतिहास के पहले पीएम बन गये जिनको सदन ने नेता के पद से हटा दिया। विपक्ष ने आगामी चुनावों तक शाहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री के रूप में समर्थन देने का एलान किया है।
क्रिकेट से राजनीति में आये इमरान खा ने नया पाकिस्तान बनाने का नारा दिया था और मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान सेना की मदद से वह सत्ता तक पहुंच भी गये और तीन सालों से ज्यादा समय तक वे पीएम भी रहे। वे स्वयं को विश्वस्तरीय नेता मानते थे और वर्ष 2022 में उन्होंने पहले चीन की यात्रा की और इसके उपरांत वे मास्को पहुंच गये। दो दशक से भी अधिक समय बाद वे मास्को की यात्रा करने वाले पहले प्रधानमंत्री बन थे किंतु उन्होंने यात्रा का समय 23 और 24 फरवरी को चुना जिस दिन रूस ने यूक्रेन पर हमला बोल दिया था।
चीन की यात्रा के उपरांत उनको यह अनुभव हो रहा था कि उनमें वल्र्ड लीडर बनने की क्षमता है। हालांकि वर्ष 2021 के जनवरी माह के उपरांत से ही वे व्हाइट हाउस से सम्पर्क बनाने का प्रयास कर रहे थे ताकि वे राष्ट्रपति जोसेफ बाइडेन से वार्ता कर सकें।
एक साल के लम्बे वक्त के उपरांत भी उनकी राष्ट्रपति बाइडेन से वार्ता नहीं हो सकी थी और इस कारण वे विचलित होकर अनेक प्रकार के बयान भी दे रहे थे। उन्होंने अमेरिका को चुनौति देने के लिए चीन से ज्यादा गहरे संबंध बनाने का संकल्प लिया था और इसी कारण उन्होंने रूस को यूक्रेन हमले का समर्थन देने के लिए वे मास्को की यात्रा पर भी पहुंच गये।
भारत की मिसाइल 9 मार्च 2022 को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में राजस्थान की सीमा से करीबन सवा सौ किमी दूर एक दूरस्थ इलाके में जाकर गिरी। इसके धमाके इस्लामाबाद में भी सुनाई दिये थे और सेना-सरकार को इस बात का आभास हो चुका था कि भारत की सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस ने उनकी हवाई सुरक्षा प्रणाली को भेद दिया है। वे कुछ नहीं कर पाये।
पाकिस्तान के जानकारों का मानना है कि उस दिन को लेकर सरकार और सेना के बीच मतभेद गहरा गये थे। भारतीय क्षेत्र में सौ किमी से भी ज्यादा का सफर तय करती हुई पाकिस्तान के करीबन सवा सौ किमी सीमा से दूर एक रिक्त स्थान पर आकर गिरती है और पाकिस्तान की सेना, सुरक्षा एजेंसियों को इसकी जानकारी तक नहीं होती। इसके उपरांत भारत में आतंकवादियों का एक्सपोर्ट करने वाला पाकिस्तान शांति का मसीहा बन जाता है।
पाक सरकार की तरफ से कहा जाता है कि वह शांति का समर्थक है। इस कारण उसने ‘जवाबÓ नहीं दिया। भारत सरकार भी स्वीकार करती है कि ब्रह्मोस मिसाइल पाकिस्तान में गिरी थी। क्या यह एक संयोग मात्र है कि इस मिसाइल के गिरने के मात्र 29 दिनों बाद ही इमरान खान की सरकार भी गिर जाती है।
नवमी की रात को गिरी सरकार
भारत में कन्याओं का पूजन करने और उनको जगत जननी का स्वरूप मानते हुए 9 दिनों तक पूजा-अर्चना की जाती है। भारत में शनिवार को दुर्गा अष्टमी का पर्व हवन-यज्ञ, महा दुर्गा की पूजा कर बनाया गया। जब नवमी की रात आरंभ हो गयी थी और 12 बजे के उपरांत पाकिस्तान की संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होती है। वोटिंग से पहले ही इमरान खान पीएम आवास से निकल जाते हैं और इसके तुरंत बाद परिणाम भी सामने आ जाता है और इसके उपरांत इमरान पूर्व पीएम कहलाये जाते हैं। सेना ने राजधानी क्षेत्र और देश के अन्य प्रमुख शहरों में मोर्चा संभाल लिया ताकि बढ़े स्तर पर हिंसा नहीं हो।
नया सेना प्रमुख बनाना चाहते थे इमरान
शनिवार को पीएम इमरान खान नया सेना प्रमुख बनाना चाहते थे। उनको लगने लगा था कि कमर जावेद बाजवा उनकी मदद नहीं कर पाये हैं। बीबीसी उर्दू ने एक सनसनीखेज खुलासा किया है कि पीएम के आवास छोडऩे से पहले एक हैलीकॉप्टर सरकारी निवास पर आया था। इसमें सेना के दो अधिकारी थे किंतु यह वो अधिकारी नहीं थे, जिनको इमरान खान ने न्यौता भेजा था, बल्कि वह अनचाहे मेहमान थे। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार इमरान खान के आदेशोंपरांत भी रक्षा मंत्रालय ने वह अधिसूचना जारी नहीं की जिसके लिए पीएम के रूप में उन्होंने आदेशित किया था। हालांकि पाक सेना ने बीबीसी की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि इसमें सच्चाई नहीं है।
अनेक विदेशी नेताओं ने भारत की यात्रा की
अप्रेल माह में अनेक विदेशी नेताओं ने आकस्मिक भारत यात्रा की। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परिदृश्य बदल रहे थे। चीन के विदेश मंत्री यांग वी पहले अचानक ही अफगानिस्तान में तालिबान के नेताओं से मिलने पहुंच गये और इसके उपरांत दो दिन की यात्रा पर भारत भी पहुंच गये। इसके उपरांत रूसी विदेशी मंत्री सर्गेई लावरोव और अमेरिका के उप राष्ट्रीय सलाहकार दलीपसिंह भी भारत यात्रा पर रहे। जापान के प्रधानमंत्री भी भारत यात्रा पर आये और वहीं ऑस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन ने डिजीटली भारत के पीएम से मुलाकात की। इसी तरह से 11 अप्रेल को बाइडेन भी नरेन्द्र मोदी से वीडियो स्ट्रीमिंग के जरिये दोनों देशों के बीच आपसी रिश्तों और रूस-यूक्रेन युद्ध के हालात पर चर्चा करेंगे। यह वार्ता उस समय हो रही है जब रक्षामंत्री और विदेश मंत्री टू प्लस टू स्तर की बैठक के लिए अमेरिका की यात्रा पर हैं।
पाकिस्तान में न्यायालयों के सुर भी बदले
अभी तक पाकिस्तान में हिटलर राज चल रहा था, कहा जा सकता था क्योंकि मीडिया पर अनेक प्रकार की पाबंदियां लगा दी गयी थीं। उनको कौनसी न्यूज चलानी है और किस पर ब्रेक लगाना है, इसकी एक सूची जारी की गयी थी। एंकर वह सूची लेकर टीवी पर आता था और आधी खबर बताने के बाद यह एलान कर देता था कि इससे ज्यादा खबर वह नहीं दिखा सकता क्योंकि इस पर सरकारी मनाही है। वहीं विपक्षी नेताओं को जेल में डाला जा रहा था और उन पर नैब नामक सरकारी संस्था के माध्यम से अनेक प्रकार के मुकदमे बना दिये गये थे। नवाज शरीफ अनेक माह तक जेल में रहने के बाद विदेश चले गये थे। उनको चुनाव लडऩे के लिए अयोग्य ठहरा दिया गया था। इसी तरह की कार्यवाही अनेक अन्य नेताओं पर भी की गयी।
शहबाज के खिलाफ जांच रहा कर अधिकारी छुट्टी पर गया
प्रधानमंत्री पद के लिये विपक्ष के साझा उम्मीदवार शहबाज शरीफ के खिलाफ 14 अरब पाकिस्तानी रुपये के धनशोधन आरोपों की जांच कर रहे संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) का एक शीर्ष अधिकारी इमरान खान के अपदस्थ होने के बाद अनिश्चितकाल के लिये छुट्टी पर चला गया है। रविवार को एक आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार एफआईए-लाहौर के प्रमुख मोहम्मद रिजवान की 11 अप्रैल 2022 से छुट्टी पर जाने की अर्जी को स्वीकार कर लिया गया है। शहबाज और उनके बेटे हमजा को सोमवार को मुकदमे के लिए विशेष अदालत में पेश होना है, उससे एक दिन पहले रिजवान के इस फैसले के बारे में पता चला है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शहबाज पेशी से छूट की मांग कर सकते हैं क्योंकि उन्हें उसी दिन संसद में प्रधानमंत्री पद के लिए चुनाव का सामना करना है। शहबाज ने रविवार को प्रधानमंत्री पद के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया। इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की ओर से पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी इस पद के लिए उम्मीदवार हैं।
नई सरकार ‘बदले की राजनीतिÓ नहीं करेगी : शरीफ
पाकिस्तान में संयुक्त विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार शहबाज़ शरीफ ने रविवार को संकल्प लिया कि नई सरकार ‘आगे बढऩाÓ चाहती है और वह ‘बदले की राजनीतिÓ में शामिल नहीं होगी।
संसद के निचले सदन में दिनभर चले ड्रामे के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 174 सांसदों के मतदान के फौरन बाद नेशनल असेंबली को संबोधित करते हुए पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के अध्यक्ष ने कहा कि कोई भी कानून और न्याय के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगा और संस्थानों को मिलकर चलाया जाएगा। पंजाब प्रांत के 70 वर्षीय पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, मैं अतीत की कड़वाहट में नहीं जाना चाहता। हम उन्हें भूलकर आगे बढऩा चाहते हैं। हम बदला नहीं लेंगे या नाइंसाफी नहीं करेंगे।
हम लोगों को बिना वजह जेल नहीं भेजेंगे। कानून और इंसाफ अपना काम करेगा। पीएमएल-एन सुप्रीमो और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई ने आसिफ अली जरदारी और मौलाना फजल उर रहमान सहित विपक्ष के अन्य नेताओं के प्रति आभार व्यक्त किया जिन्होंने कानून और संविधान के शासन को बनाए रखने के लिए संघर्ष किया है। उन्होंने कहा इसका आखिरकार फल मिला। 72 वर्षीय नवाज शरीफ को पहले अयोग्य घोषित किया गया और फिर भ्रष्टाचार के आरोपों में दोषी ठहराया गया।
उनके छोटे भाई शहबाज पर भी भ्रष्टाचार का आरोप है, लेकिन शरीफ बंधुओं ने भ्रष्टाचार के आरोपों को ‘राजनीति से प्रेरितÓ बताते हुए खारिज कर किया है जो खान के नेतृत्व वाली सरकार की ओर से लगाए गए थे। अपने संबोधन में, पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि वह पूरे देश और सदन को बधाई देना चाहते हैं, देश के इतिहास में पहली बार, अविश्वास प्रस्ताव कामयाब हुआ है और हमने इतिहास रच दिया।
भारत से क्या रिश्ते बेहतर होंगे?
विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान की विदाई के बाद वहां बनने वाली नयी सरकार का नेतृत्व शहबाज शरीफ के हाथों में संभवत: आने से भारतीय और पाकिस्तानी नेताओं को द्विपक्षीय संबंधों पर जमी बर्फ को पिघलाने की पहल करने की राह नजर आ सकती है।
पाकिस्तान के तीन बार प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ के छोटे भाई शहबाज शरीफ की गत वर्षों में ऐसे व्यक्ति की छवि बनी है जो कठिन कार्यों में परिश्रम के लिहाज से कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ता। जियो टीवी के एक प्रस्तोता ने कुछ दिन पहले जब उनसे पूछा था कि उनके नेतृत्व में अमेरिका से संबंध किस तरह के होंगे तो शहबाज ने जवाब दिया था, ”भिखारी कभी चुनाव करने वाला नहीं हो सकता।ÓÓ उनकी इस टिप्पणी की तुलना तत्काल उनके प्रतिद्वंद्वी खान की ”विदेश नीति में सम्मान के भावÓÓ वाली टिप्पणी से की जाने लगी।
यह पूछे जाने पर कि क्या शहबाज के प्रधानमंत्री पद पर होने से भारत-पाकिस्तान संबंधों की पहेली को सुलझाने में मदद मिल सकती है, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के सांसद और शहबाज के करीबी सहयोगी समीउल्लाह खान ने कहा कि उनके नेता भारत के साथ संबंध के लिए नयी नीति बनाएंगे। उन्होंने कहा, ”शहबाज के नेतृत्व में पाकिस्तान, भारत के लिए नयी नीति के साथ आएगा। मूल बात है कि इमरान खान शासन के पास भारत को लेकर कोई नीति नहीं थी या कमजोर थी, जिसने भारत को कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने की अनुमति दी और खान केवल असहाय होकर देखते रह गए।ÓÓ
शहबाज ने जरदारी, बिलावल से मुलाकात की
पाकिस्तान में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ ने रविवार को पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी से मुलाकात कर देश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की। शहबाज ने नये प्रधानमंत्री को चुनने के लिए संसद के महत्वपूर्ण सत्र से पहले इन दोनों नेताओं से मुलाकात की। शहबाज शरीफ ने रविवार को प्रधानमंत्री पद के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया। बैठक के दौरान, पीपीपी के नेता ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शरीफ को बधाई दी। ‘जियो न्यूजÓ की खबर के अनुसार, दोनों पक्षों ने चुनाव सुधारों पर चर्चा की और जनहित में मिलकर काम करने का संकल्प लिया।
राष्ट्रपति इस्तीफा नहीं देंगे
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी इस्तीफा नहीं देंगे। खबरों में यह जानकारी सामने आई है। ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यूनÓ की खबर के अनुसार, अल्वी ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) के नेतृत्व से सलाह मशविरा करने के बाद इस्तीफा नहीं देने का फैसला किया। खबर के अनुसार, राष्ट्रपति को अपने संवैधानिक कर्तव्यों का निर्वहन जारी रखने की सलाह दी गई है। इसके अनुसार, यदि विपक्ष के नेतृत्व वाली नई संघीय सरकार राष्ट्रपति को हटाने के लिए संवैधानिक मार्ग अपनाती है, तो पार्टी परिस्थितियों के आधार पर निर्णय लेगी।