श्रीगंगानगर/हनुमानगढ़ (द सांध्यदीप न्यूज)। राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में दो नशा मुक्ति केन्द्रों की जांच पुलिस अधीक्षक ने करवायी थी। जांच के दौरान सनसनीखेज खुलासे हुए हैं। एक नशा मुक्ति केन्द्र तो अवैध रूप से कारागृह के रूप में संचालित किया जा रहा था। वहां पारिवारिक विवाद में लोगों को बंधक बनाकर रखा जाता था। इस मामले में मुकदमा भी दर्ज किया गया है।
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पुलिस अधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार हनुमानगढ़ टाउन थाना क्षेत्र में स्थित यू टर्न नामक नशा मुक्ति केन्द्र की जांच की गयी थ्ीा। एसपी के आदेश पर बनायी गयी एक विशेष टीम ने इसकी जांच की थी।
जांच के दौरान दो सीनियर सिटीजंस को बरामद किया गया। नशा मुक्ति केन्द्र से आजाद करवाये गये एक सिटीजन ने बताया कि उसका अपने दामाद के साथ विवाद चल रहा था। प्रोपर्टी दामाद अपने नाम करवाना चाहता था। उसने नहीं लगायी तो दामाद ने नशा मुक्ति केन्द्र संचालकों के साथ मिलकर उसको बंधक बना लिया। वह पिछले 9 महीने से बंधक बना हुआ था।
इसी तरह से दूसरे सीनियर सिटीजन ने भी पारिवारिक विवाद को अपने बंधक बनाये जाने का कारण बताया। पुलिस ने दोनों को अस्पताल में भर्ती करवा दिया है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि इन सीनियर सिटीजंस के बयानों के आधार पर बंधक बनाये जाने के आरोप में नशा मुक्ति केन्द्र के संचालक तथा परिवारजनों को नामजद किया गया है।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों मानवाधिकार कार्यकर्ता राजू रामगढिय़ा ने पुलिस अधीक्षक को इस संबंध में शिकायत दी थी। उनके पास इस बात के पुख्ता सबूत थे कि प्रोपर्टी के विवाद में सीनियर सिटीजंस को बंधक बनाया जाता है। एसपी ने मानवाधिकार कार्यकर्ता से प्राप्त जानकारी के आधार पर जांच के आदेश दिये थे।
गुरुवार को तथ्य सामने आने के बाद पूरे हनुमानगढ़ जिले में हड़कम्प मच गया है।
माकपा ने पुलिस थाना पर किया प्रदर्शन
हनुमानगढ़ (टीएसएन)। महिला और उसके पति से मारपीट करने और महिला के कपड़े फाडऩे के मामले में महिला थाना पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने आज थाना पर प्रदर्शन किया। पुलिस पर आरोपियों को बचाने के आरोप लगाए। मामला हनुमानगढ़ जंक्शन की खुंजा क्षेत्र का है्र जहां एक महिला ने एक दुकानदार पर उसके कपड़े फाडऩे और उसके और उसके पति के साथ मारपीट करने का मुकदमा महिला थाना में दर्ज करवाया था। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि मुकदमा दर्ज करने के 18 दिन बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
रैस्क्यू में नहीं बचाया जा सका परिवार के तीन सदस्यों को, बुधवार को नहर में डूबे थे
संगरिया/हनुमानगढ़ (टीएसएन)। हनुमानगढ़ जिले में बुधवार को पुलिस ने गोताखोर और ग्रामीणों की मदद से सर्दूल नहर में एक ही परिवार के तीन सदस्यों के डूब जाने की आशंका के चलते तलाश आरंभ की थी। रेस्क्यू ऑपरेशन दूसरे दिन गुरुवार को भी जारी रहा। हालांकि तीनों को तलाश लिया गया किंतु तब तक वे मौत के मुंह में समा चुके थे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार संगरिया के वार्ड नंबर 22 से नरेन्द्र पुत्र मूलचंद सिंधी, पत्नी कविता (25) एवं बेटा नितिन (4) लापता हो गये थे। नरेन्द्र की बाइक सार्दूल नहर के पटड़ों पर मिली थी। मौके से चप्पलें और कुछ अन्य सामान भी मिला था, जिस कारण पुलिस ने तीन जनों के डूब जाने की आशंका के चलते राहत कार्य आरंभ किये थे।
बुधवार को बचाव दल सफलता हासिल नहीं कर पाया। गुरुवार को परिवार के तीनों सदस्यों के शव मिले। सार्दूल नहर के अलग-अलग क्षेत्रों से शवों को बरामद करने के उपरांत पोस्टमार्टम करवाया गया। नरेन्द्र की बहन ने पुलिस को रिपोर्ट दी है। हालांकि अभी सामूहिक आत्महत्या के कारण सामने नहीं आये हैं।
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