
श्रीगंगानगर/नई दिल्ली (टीएसएन)। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के राजस्थान महानिदेशक मंगलवार को श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय के प्रवास पर थे। उनके कार्यक्रम का उद्देश्य भ्रष्टाचार के खिलाफ जनजागरुकता अभियान बताया गया। नई धानमंडी स्थित दी गंगानगर ट्रेडर्स एसोसिएशन के कार्यालय में इस कार्यक्रम को आयोजित किया गया था। जोन के आईजी, डीआईजी इस कार्यक्रम में शिरकत नहीं कर रहे थे। बीकानेर जिला एसपी कार्यालय का निरीक्षण करने के उपरांत वे श्रीगंगानगर आये थे और उनके साथ पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र कुमार बिश्रोई भी आ गये थे।
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ब्यूरो महानिदेशक का पदनाम विराट होता है। वे श्रीगंगानगर में थे तो भ्रष्टाचार से पीडि़त लोग भी उनके पास अपनी फरियाद लेकर पहुंच गये थे। किसी को मौके पर राहत मिली हो, ऐसी जानकारी सामने नहीं आयी। कुछ लोग पद के दुरुपयोग और कुछ अन्य प्रकार की शिकायत लेकर आये थे, वे शिकायतें उन्होंने अपने साथ आये स्टाफ के लोगों को दीं। कुछ निजी व्यक्तियों से मिलना था, उनसे मुलाकात की और इसके बाद वे रवाना हो गये।
पीएम ने माना, आठ सालों में भ्रष्टाचार समाप्त नहीं कर पाये
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 15 अगस्त 2022 को लाल किले से देश को संबोधित कर रहे थे तो उन्होंने भी स्वीकार किया कि भ्रष्टाचार देश में व्यापक स्तर पर मौजूद है। उन्होंने कहा कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग लड़ेंगे। उनके इस संबोधन से यह भी साफ हो गया था कि आठ सालों के दौरान वे अपने कार्यकाल में भ्रष्टाचार के खिलाफ व्यापक कार्यवाही नहीं कर पाये हैं। सरकारी स्तर पर योजनाओं में जो लीकेज हैं, उन लीकेज को वे समाप्त नहीं कर पाये हैं।
भ्रष्टाचार की परिभाषा क्या है?
भ्रष्टाचार को किस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है। अगर तहसील और जिला स्तर पर देखा जाये तो उन लोगों के लिए पटवारी, थानेदार, तहसीलदार रिश्वत की मांग करता है तो वह भ्रष्टाचार है। राज्यस्तर पर देखा जाये तो पसंदीदा पद प्राप्त करने के लिए नियमों से समझौता करना क्रप्शन है। राष्ट्रीय स्तर पर इसकी व्याख्या की जाये तो जनहित के नाम पर जारी योजनाओं में हजारों करोड़ का लाभ पहुंचाने के लिए लीकेज होना समाज, देश, अर्थव्यवस्था के लिए एक अशुभ संकेत है।
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