श्री अरोड़वंश सनातन धर्म मंदिर ट्रस्ट : अंकुर के सिर पर बंधा जीत का सेहरा
श्री अरोड़वंश सनातन धर्म मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष पद के चुनावों में अंकुर मगलानी ने यह प्रमाणित कर दिया। वर्ष 2017 के ट्रस्ट पद के चुनावों में मगलानी मात्र 350 वोटों से पराजित हो गये थे। उन्होंने उस हार के उपरांत भी स्वयं को आगामी चुनावों के लिए तैयार रखा। अपने समर्थकों को अपने साथ बनाये रखा। बरसों पुराने समर्थकों को साथ रखना आसान कार्य नहीं होता किंतु मगलानी ने यह सच कर दिखाया। यही उनकी जीत का आधार बना।
श्रीगंगानगर। हिम्मत न हारने वालों की कभी हार नहीं होती….यह मुहावरा इंसान का मनोबल, उत्साह और चुनौतियों से लडऩे की प्रेरणा देता है। पंक्ति का भाव यही है कि जो व्यक्ति हिम्मत नहीं हारता, चुनौतियों का सामना करता है, वह एक दिन अवश्य अपनी मंजिल को हासिल कर लेता है। ईश्वर भी उसकी मदद करता है।
श्री अरोड़वंश सनातन धर्म मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष पद के चुनावों में अंकुर मगलानी ने यह प्रमाणित कर दिया। वर्ष 2017 के ट्रस्ट पद के चुनावों में मगलानी मात्र 350 वोटों से पराजित हो गये थे। उन्होंने उस हार के उपरांत भी स्वयं को आगामी चुनावों के लिए तैयार रखा। अपने समर्थकों को अपने साथ बनाये रखा। बरसों पुराने समर्थकों को साथ रखना आसान कार्य नहीं होता किंतु मगलानी ने यह सच कर दिखाया। यही उनकी जीत का आधार बना।
सोमवार को ट्रस्ट के लिए मतदान हुआ। कुल 14 हजार 980 मतदाताओं में से 10 हजार 633 वोटर्स ने अपने अधिकार का इस्तेमाल किया। वर्ष 2017 के ट्रस्ट चुनावों में करीबन 10 हजार वोट थे। इस बार नये वोट बने 5 हजार।इन चुनावों का गणित इस प्रकार समझा जा सकता है। पुराने 10 हजार वोटर्स में से 6200 ने मतदान किया। नये मतदाताओं में से करीबन 45 सौ ने वोटिंग की। पुराने 10 हजार में से 6200 वोटर्स आये और नये 5 हजार में से 45 सौ ने वोटिंग की।
दोपहर तक माहौल अंकुर के पक्ष में जाता दिखाई दे रहा था। दो दिन पूर्व तक सट्टा बाजार मूलचंद गेरा की जीत दिखा रहा था, वह दोपहर तक अंकुर को विजयी होता दिखाई देने लगा और हालात यह हो गये थे कि अंकुर की जीत पर भाव लगने ही बंद हो गये थे। सट्टा बाजार ने मान लिया था कि मगलानी जीत रहा है।
इसके उपरांत 2 बजे से अचानक ही बूथ नंबर 9, 10, 11, 12 के बाहर लम्बी लाइनें लगनी आरंभ हो गईं। यह वो बूथ थे, जहां नये वोटर्स ने पोलिंग करनी थी। इन बूथ पर लम्बी लाइनों को देखकर ही सट्टा बाजार ने एक बार पुन: जीत को 50-50 पर दिखाना आरंभ कर दिया था। इन बूथों पर लम्बी लाइनों को देखकर अतिरिक्त मतदान कर्मचारी भी लगाये गये ताकि अधिकाधिक मतदाताओं के मतदान करवाये जा सकें।
वहीं अन्य कमरों से घंटों लाइन में लगकर मतदाता वापिस चुनाव में नियुक्त कर्मचारियों के पास आ रहे थे, क्योंकि जब वे वोट पोल करने के लिए पहुंचे थे तो उनको यह पता लग गया था कि उनके वोट तो कोई अन्य व्यक्ति डाल गया है। वे अपनी निराशा और आक्रोश दोनों जाहिर कर रहे थे।
शाम आठ बजे के करीब मतगणना आरंभ हुई तो मतों को 13 राउंड में विभाजित कर दिया गया। 13 बूथ, 13 राउंड। इसका अर्थ यह था कि बूथ वाइज काउंटिंग। प्रथम राउंड से ही अंकुर मगलानी ने बढ़त बनानी आरंभ कर दी थी। प्रथम राउंड में अंकुर को 384, मूलचंद को 176 वोट मिले। इस तरह से लीड 208 मतों की रही। दूसरे राउंड में अंकुर को 374, मूलचंद को 215, तीसरे राउंड में अंकुर को 430, मूलचंद को 381 मत प्राप्त हुए। चौथे राउंड में अंकुर को 428, मूलचंद को 389, पांचवें राउंड में क्रमश: 388, 402, छठे में 451, 356, 7वें राउंड में 501 और 370 मत प्राप्त हुए।
आठवें राउंड में लीड बढ़कर 918 मतों की हो गयी थी।
इस राउंड में अंकुर को 529, मूलचंद को 366 मत प्राप्त हुए। अब यहां से तस्वीर बदलनी आरंभ होती है क्योंकि बूथ नंबर 9, 10, 11, 12 मतत्वपूर्ण थे। यह वो बूथ थे, जहां नये वोटर्स ने वोट डाले थे और उनमें अधिकांश ने 2 बजे के बाद लम्बी लाइनों में लगकर वोटिंग की थी। 9वें राउड में 407, मूलचंद को 638 मत मिले। लीड कम होकर 809 मतों की रह गयी। 10वें राउंड में अंकुर को 346, मूलचंद को 637, 11वें राउंड में अंकुर को 458, मूलचंद को 515 मत मिले। इस तरह से लीड कम होते हुए 458 मतों की रह गयी थी।
भारत-पाक मैच में जिस तरह से हर क्षण रोमांच पैदा करता है, उसी तरह का माहौल यहां बन चुका था। आठवें राउंड में जहां लीड 918 वोटों की थी, वह 11वें राउंड में आकर मात्र 458 वोटों की रह गयी थी। यह वो मत थे, जो नये बने थे या बनवाये गये थे। पुराने सभी मतों में अंकुर मगलानी को लीड मिल रही थी और यह बढ़ती जा रही थी।
12वें राउंड में 1063 वोटों की गिनती की जानी थी। सभी की सांसें थम गयी थीं क्योंकि यह वही बूथ था, जहां सबसे अधिक लम्बी लाइन थी और यहां पर पोलिंग के लिए अतिरिक्त कर्मचारी भी लगाये गये थे। इस तरह से जब इस बूथ की गिनती हुई तो पासा अचानक ही पलट गया। इस राउंड में अंकुर मगलानी को 321, मूलचंद को 718 मत प्राप्त हुए। लीड मात्र 62 वोटों की रह गयी थी।
13वां राउंड आरंभ किया जाना था, इससे पहले ही विवाद हो गया और गिनती को एक बार रोक दिया गया। काफी समय तक गिनती रूकी रही। इस दौरान बाहर अचानक ही हार-जीत को लेकर बोगस न्यूज पहुंचने लगी थी और लोगों ने पटाखे बजाने आरंभ कर दिये थे। 13वां राउंड उस बूथ का था, जहां पर बुजुर्ग और दिव्यांग लोगों के वोटों की गिनती होनी थी। सभी को इस बात की जानकारी थी कि जो पुराने वोटर्स हैं, उनमें से अधिकांश की पहली पसंद अंकुर मगलानी है। इस राउंड की गिनती आरंभ हुई और अनेक समय तक बाहर नतीजा नहीं आया। काफी देर बाद सूचना मिली कि लीड मात्र 27 वोटों की रह गयी है।
13वें राउंड में भी अंकुर की लीड बनी हुई थी। इसके उपरांत एक बार पुन: गिनती को रोक दिया गया। बताया गया कि ट्रस्ट पद के प्रत्याशी मूलचंद गेरा मतगणना स्थल पर आ रहे हें। उसके उपरांत टेंडर वोट खोले जायेंगे। मूलचंद गेरा और ट्रस्ट के पूर्व सचिव दीपक मिड्ढा अरोड़वंश पब्लिक स्कूल पहुंचे। 50 वोट टेंडर में थे। उनको खोला गया और उसमें से 17 वोट अंकुर मगलानी को मिल गये। इस तरह से अंकुर को कुल 5222 मत प्राप्त हुए। मूलचंद गेरा को 5204 मत मिले। अंकुर 18 वोटों से जीत गये थे। यहां पर मूलचंद ने रिकाउंटिंग की मांग कर दी। रिकाउंटिंग की मांग होने के कारण अधिकारिक तौर पर अंकुर की जीत की घोषणा नहीं की गयी। सीओ सिटी ने उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया।
चुनाव अधिकारी शरद अरोड़ा ने अपने विधि परमार्शी से सम्पर्क किया। इस दौरान करीबन एक घंटा तक सभी लोग यह देखते रहे कि चुनाव अधिकारी क्या निर्णय करते हैं। काउटिंग हॉल में एक बैठक हुई और इस बैठक के उपरांत मूलचंद गेरा ने रिकाउंटिंग का निर्णय वापिस ले लिया। अंकुर मगलानी को विजयी घोषित करते हुए उनको प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। मगलानी अपने निवास की ओर रवाना हो गये जहां सैकड़ों समर्थक उनका इंतजार कर रहे थे। प्रात: 4 बजे उनके घर के बाहर ढोल बज रहे थे और लोग नाच रहे थे।
मूलचंद गेरा को पहले 9 राउंड में 32 सौ के करीब वोट मिले थे और अगले चार राउंड में उन्होंने दो हजार के करीब मत हासिल किये। यह वो समीकरण थे, जिसके आधार पर मूलचंद गेरा के समर्थक अपनी जीत को आधार बनाये हुए थे। वह किला भारी बढ़त के बाद भी कमजोर हो गया।
मूलचंद गेरा ने पहचान बनायी
श्री अरोड़वंश सनातन धर्म मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष पद के लिए जब नामांकन प्रक्रिया आरंभ हुई तो उस समय मूलचंद गेरा को श्रीगंगानगर शहर की अधिकांश जनता नहीं जानती थी। धीरे-धीरे लोगों को यह जानकारी मिली कि वे किन्नू के निर्यात में हिस्सेदारी रखते हैं। उनकी प्रचार टीम में दो पूर्व अध्यक्ष सहित अनेक अरोड़वंशी नेता जुड़ गये थे। जो नये वोट बने थे, उनमें कम से कम 35 सौ वोट ऐसे थे, जिनके साथ मूलचंद गेरा तथा उनके समर्थकों का सीधा संबंध था। इन्हीं वोटों के आधार पर जीत का फार्मूला तय किया गया था। अंकुर मगलानी के समर्थकों के गुट में सेंधमारी करने का प्रयास किया गया किंतु वह ज्यादा सफल नहीं हो पाया। अंकुर ने अपने पुराने समर्थकों को अपने साथ रखने में सफलता हासिल कर ली थी और यही उनकी जीत का फार्मूला बन गया।
बजाज और सोनू अनेजा इस बार मगलानी के साथ
वर्ष 2017 और 2022 के चुनावों में यह भी फर्क था कि उस समय अरोड़वंश ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष जोगेन्द्र बजाज और सोनू अनेजा दोनों ही अंकुर विरोधी खेमे थे। इस बार माहौल बदला हुआ था और यह दोनों अरोड़वंशी इस बार अंकुर के साथ जुड़े हुए थे और प्रचार कर रहे थे। वहीं बाप्पा जी के नाम से प्रसिद्ध हुए वीरेन्द्र राजपाल भी पूरी शिद्दत के साथ प्रचार में जुटे रहे।
चुनाव अधिकारी ने आभार जताया
श्री अरोड़वंश सनातन धर्म मंदिर के करीबन 15 हजार वोटों के लिए शरद अरोड़ा और विकेश सेतिया को चुनाव व सहायक चुनाव अधिकारी नियुक्त किया गया था। बेहद गर्मागर्म माहौल में चुनाव हुआ और अंत में जीत के साथ अंकुर के सिर पर जीत का सेहरा बंधा। शांतिपूर्ण चुनाव और मतगणना होने के कारण चुनाव अधिकारी शरद अरोड़ा व विकेश सेतिया ने देवस्थान विभाग, पुलिस अधिकारियों का धन्यवाद ज्ञाप्ति किया। देवस्थान विभाग के अधिकारी ऑब्जर्वर के रूप में उपस्थित थे। पुलिस विभाग के कर्मचारी सोमवार प्रात: 6 बजे अरोड़वंश पब्लिक स्कूल पहुंचने आरंभ हो गये थे और पूरे दिन कड़ी मेहनत और गर्मागर्म माहौल के बीच शांतिपूर्ण मतदान ही नहीं करवाया बल्कि बाहर सैकड़ों की संख्या में मौजूद समर्थकों को भी शंाति बनाये रखने के लिए पाबंद किया। सीओ सिटी अरविंद बैरड़, सीओ ग्रामीण भंवरलाल मेघवाल, पुरानी आबादी, जवाहरनगर, हिन्दुमलकोट, चूनावढ़ सहित अनेक थानों के एसएचओ भी जाब्ते के साथ देर रात करीबन 3 बजे तक मतगणना पूर्ण होने और परिणाम जारी होने तक पूरी शिद्दत के साथ डटे रहे।