यूक्रेन युद्ध : लाखों विस्थापित लोगों के बीच इवांका ट्रम्प अपनी भूमिका किस प्रकार देख रही हैं?

अफगानिस्तान, कांगो, यमन, म्यांमार, इराक,, साउथ सूडान सहित अनेक देश ऐसे हैं जो सालों से हिंसक घटनाओं के बीच जीवन के सफर को बस पूरा करने के लिए प्रयासरत हैं। सिर पर छत नहीं, पेट में भोजन नहीं, वस्त्र के लिए आश्रितों पर निर्भरता यह सब उन लोगों की पीड़ा है, जो लोकतांत्रिक सरकारों के उठाये गये कदमों से प्रभावित हैं।

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वाशिंगटन। विश्व भर में शरणार्थियों की संख्या करोड़ों में पहुंच गयी हैं और यह शरणार्थी युद्ध प्रभावित देशों से हैं। सीरिया, अफगानिस्तान, कांगो, यमन, म्यांमार, इराक,, साउथ सूडान सहित अनेक देश ऐसे हैं जो सालों से हिंसक घटनाओं के बीच जीवन के सफर को बस पूरा करने के लिए प्रयासरत हैं। सिर पर छत नहीं, पेट में भोजन नहीं, वस्त्र के लिए आश्रितों पर निर्भरता यह सब उन लोगों की पीड़ा है, जो लोकतांत्रिक सरकारों के उठाये गये कदमों से प्रभावित हैं। अब यूक्रेन-रूस युद्ध ने 30 लाख लोगों को और प्रभावित किया है। इन सबके बीच व्हाइट हाउस की पूर्व सलाहकार इवांका ट्रम्प स्वयं की भूमिका किस प्रकार देखती हैं, यह भी देखने वाला होगा।

रूस व आर्थिक मुद्दों पर चर्चा के लिए शी से बात करेंगे बाइडन

यूनाइटेड नेशंस के राहत शिविर संचालकों ने मीडिया को जानकारी दी थी कि यूक्रेन में युद्ध से 30 लाख लोग प्रभावित हुए हैं, जो शरणार्थी का जीवन जी रहे हैं। वहीं दुनिया भर में करीबन 8 करोड़ लोग विभिन्न कारणों से अपने-अपने देश से विस्थापित होने को मजबूर हो गये थे।
यूक्रेन-रूस के बीच चल रहे युद्ध के कारकों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। डेमोक्रेटिक नेता एवं राष्ट्रपति जोसेफ आर बाइेन रोजाना ब्लादीमिर पुतिन और उनके सहयोगियों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं। वे सीधे युद्ध में शामिल नहीं हो रहे किंतु 1 बिलियन डॉलर की सैन्य सहायता यूक्रेन को दे चुके हैं। इसका अर्थ यह है कि वे रूस के साथ पर्दे के पीछे रहकर युद्ध लड़ना चाहते हैं।

रूस ने अमेरिकी नेताओं पर प्रतिबंध लगाया है, उनमें जोसेफ बाइडेन के अतिरिक्त हिलेरी क्लिंटन भी शामिल हैं।

हिलेरी क्लिंटन बाइडेन प्रशासन में किसी पद पर नहीं हैं, फिर उन पर प्रतिबंध क्यों?

रशिया मीडिया के एक धड़े का मानना है कि इस युद्ध की स्किप्ट वर्ष 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के तुरंत बाद ही लिख दी गयी थी। यूक्रेन को मोहरा बनाया गया।

वर्ष 2016 के प्रेजीडेंट चुनावों में डेमोक्रेट नेता, पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की पत्नी हिलेरी क्लिंटन भी प्रत्याशी थीं। वे ओबामा प्रशासन में विदेश मंत्री भी रहीं थीं।

उस समय डोनाल्ड ट्रम्प विजयी हो गये थे और डेमोक्रेट्स नेताओं का आरोप था कि रूस ने चुनाव परिणामों को प्रभावित किया। हिलेरी क्लिंटन और डेमोक्रेट्स ने अपनी हार को जनादेश नहीं माना बल्कि इसको रशियन हैकर्स के कारण मिली हार बताया।

बाइडेन के दो चेहरे सामने आये

अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी पर राष्ट्रपति जोसेफ आर बाइडेन का कहना था कि अमेरिका युद्ध का खर्च वहन नहीं करना चाहता था। हर साल बिलियंस डॉलर खर्च हो रहे थे।

वही बाइडेन प्रशासन एक सप्ताह के भीतर ही युक्रेन को एक बिलियन डॉलर की मदद की घोषणा कर चुका है। विदेश मंत्री एंटनी जे ब्लिंकन के कार्यालय ने स्वयं यह जानकारी प्रेस नोट जारी कर मीडिया को दी।

अफगानिस्तान में शांति बनाये रखने के लिए बाइडेन प्रशासन बजट नहीं देना चाहता था और रूस के खिलाफ युद्ध के लिए वह एक सप्ताह के भीतर ही एक अरब डॉलर की मदद की घोषणा कर देता है।

इस तरह के आदेश, घटनाओं से क्या अर्थ निकलता है, यह आम आदमी भी समझ रहा है।

क्या इवांका शरणार्थियों की मदद के लिए आगे आयेंगी?

अमेरिका के जॉर्जिया राज्य में अप्रवासी राहत शिविरों में रहने वाली युवतियों का ह्यूमन ट्रैफिकिंग के जाल में फंसने और उनसे अनैतिक धंधे के खिलाफ व्यापक कार्यवाही करवाने तथा पांच करोड़ महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य को पूरा करने वाली इवांका ट्रम्प नयी भूमिका के लिए तैयार हैं? दुनिया उनकी तरफ देख रही है।

व्हाइट हाउस की पूर्व सलाहकार इवांका अफ्रीकी देशों की महिलाओं से मिलने के लिए उनके गांवों-कबीलों तक पहुंची और उनको मजबूत करने का अपने समर्थन दिया।

इस तरह की विचाराधारा के साथ सामाजिक, राजनीतिक और सूचना प्रौद्योगिकी की जानकार इवांका ट्रम्प की भूमिका इस विषय में किस तरह से रहेगी, यह भी जानना आवश्यक हो गया है।

 

डेमोक्रेटस के व्हाइट हाउस में आने के उपरांत इवांका ने राजनीतिक गतिविधियों से दूरी बना ली थी किंतु पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प लगातार राजनीतिक रैलियां कर रहे हैं।

व्हाइट हाउस छोड़ने से पहले 20 जनवरी 2021 को इवांका ने एक मैसेज अपने ऑफशियल ट्वीटर हैंडल @Ivankatrump से अमेरिकियों और अपने समर्थकों के लिए छोड़ा था।

अमेरिकी लैंग्वेज में उन्होंने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जोसेफ आर बाइडेन, प्रथम महिला डॉ़ जिल बाइडेन, उपराष्ट्रपति कमला डी हैरिस सहित न्यायिक अधिकारियों, सरकारी अधिकारियों, नेताओं को जीत की बधाई दी थी और आशा जतायी थी कि विचाराधारा के मतभेदों के बीच भी अमेरिका को मजबूत बनाने के लिए कार्य किया जा सकता है।

उन्होंने अपने इमोशनल संदेश में यह भी बताया था कि व्हाइट हाउस के सलाहकार के रूप में कार्य करने को लेकर वे गौरवान्वित महसूस करती हैं। वे अमेरिकी लोगों के लिए लगातार वाशिंगटन आती रहेंगी।

अपने संदेश को उन्होंने इस तरह से लिखा : It has been the Honor of a lifetime to serve our Nation as on advisor to the President, i am so Proud of what we have accomplished and excited for the Future. I come to Washington to fight for american families and i leave i feeling i’ve done that.

I hope and believe that America can move forward in a positive way, acknowledge our differences and find common ground that is how we will remain the Greatest Nation.
The Last four years have been an incredible journey. in traveling to nearly every American state and Dozens of countries, i fell even more deeply in loe wih the American people.

Thank you all the love and support that you have shown me. i leave D.C. In awe of the compassion, grace and grit that exists across this Nation. these great and strong people have reinforced my abiding faith in America.

May Gove give wisdom courage and strength to president elect joseph r Biden, Dr Jill biden, Vice President elect Kamala D Harris, Mr Gougalas Emhoff and all of the leaders, Judges, Officers and Officials who devote Themselves to service of the public.
As Americans we must all pray for their success. God Bless you all and God bless the United States of America.

इवांका ने इस संदेश को जेपीजी फाइल फॉर्मेट में अपने ट्वीटर हैंडल पर पिन कर दिया। एक साल से ज्यादा समय के उपरांत भी उनका यह संदेश आज भी पिन है और उनके एकाउंट में प्रथम स्थान पर बना हुआ है।

हालांकि इसके उपरांत उन्होंने ट्वीटर हैंडल पर अपनी एक्टिविटीज को ज्यादा शेयर नहीं किया।

विश्व भर में मौजूद उनके करोड़ों समर्थकों का मानना है कि अब जब 40 लाख लोग विस्थापित होकर राहत शिविरों में रह रहे हैं तो इवांका को अपनी भूमिका को मानव जाति के सहयोग के लिए पुन: निर्धारित करनी होगी। उनका मानना है कि यूएन के राहत शिविरों में पहुंचकर इवांका को हालात का जायजा लेना चाहिये।

यह इसलिए भी आवश्यक हो गया है क्योंकि यूएन के महासचिव एंटेनियो गुटरेस ने ट्वीट कर कहा है कि हिंसा से महिलाएं और बच्चे ज्यादा प्रभावित हुए हैं और इस समय उनके मानवाधिकारों की रक्षा करना दुनिया का प्रथम कर्तव्य बन गया है।

इस वर्ष इवांका ने 18 जनवरी को भारी बर्फबारी से प्रभावित इलाकों में अपनी टीम के सदस्यों के साथ पहुंचकर फूड प्रोडक्टेस भी वितरित किये थे। इस तरह से सोशल कार्यकर्ता के रूप में उनकी वर्तमान परिस्थितियों में भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो गयी है।

VIASandhyadeep Team
SOURCESandhyadeep Team
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